Breaking News

उ.प्र. :: डेरा सच्चा सौदा ने यूपी के मेडिकल कॉलेज को बिना डेथ सर्टिफिकेट के ही रिसर्च के लिए दिए 14 शव

लखनऊ (राज प्रताप सिंह) : डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद एक के बाद एक कई अहम खुलासे हो रहे हैं। डेरा से संबंधित ताजा खुलासा यह हुआ है कि डेरा मुख्यालय से शवों को बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के ही मेडिकल कॉलेजों को दान दे दिया जाता था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक कमिटी द्वारा उत्तर प्रदेश के लखनऊ के जीसीआरजी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के दस्तावेजों की जांच में पाया कि जनवरी 2017 से अगस्त 2017 के बीच डेरा सच्चा सौदा से 14 डेड बॉडी अवैध रूप से इस निजी मेडिकल कॉलेज को भेजी गई थीं। ऐसा करते वक्त किसी नियम कानून का पालन नहीं किया गया।
मेडिकल कॉलेजों में पढ़ रहे स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग और रिसर्च के लिए डेडबॉडी की जरूरत होती है। इसके लिए सरकार द्वारा लाइसेंस जारी किया जाता है। कोई भी डेडबॉडी रिसर्च के लिए ले जाने के संबंध में यह नियम है कि जिस जिले से डेडबॉडी ले जाई जाती है, उसके एसपी को व्यक्ति की मृत्यु का सर्टिफिकेट देकर परमिशन लेनी होती है। हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को इससे संबंधित एक नोट मिला है। 19 अगस्त को लिखा गया यह पत्र यूपी सरकार को भेजा गया। इस पत्र में मेडिकल कॉलेज ने सरकार से मांग की है कि वह एक जांच कमिटी बनाए। जिससे यह साफ हो सके कि डेरा सच्चा सौदा से मिले 14 शवों की हकीकत क्या है, जो कॉलेज को बिना किसी परमिशन और डेथ सर्टी फिकेट के भेजे गए।
जीसीआरजी मैनेजमेंट के सदस्य ओंकार यादव ने बताया कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की एक जांच के लिए यहां 16 अगस्त को आई थी, तब उसे कॉलेज मानव रचना विज्ञान विभाग में 14 डेड बॉडी मिली थीं। इससे पहले जब एमसीआई ने 6 जनवरी को जांच की थी, तो तब यहां केवल एक ही शव था। इस लिहाज से यहां 15 शव होने चाहिए थे। यादव ने बताया, ‘बाबा राम रहीम के अनुयायियों ने हमें यह शव दान में दिए हैं। वे लोग इन शवों का उपयोग समाज कल्याण के करना चाहते थे। डेरा के अनुयायी विभिन्न मेडिकल कॉलेजों को शव दान करते रहे हैं। हमारे पास सभी 14 परिवारों के एफिडेविट हैं, जो इस शवों को रिसर्च के लिए दान देने पर राजी थे। हमने लखनऊ पुलिस से इन दस्तावेजों की जांच के लिए कहा है।’ इस पर लखनऊ के एसएसपी दीपक कुमार ने कहा, ‘हम राज्य के मेडिकल शिक्षा विभाग से संपर्क करेंगे और यह पता लगाएंगे कि निजी मेडिकल कॉलेजों के लिए किसी ज्ञात और अज्ञात शवों को पाने के लिए किन नियम व शर्तों का पालन करना जरूरी है। कॉलेज प्रशासन और डेरा को कानूनी प्रक्रिया का पालन करना ही होगा।’

Check Also

तेजाब पिलाकर युवक की हत्या, पेट फटकर आंत बाहर शव मिलने से सनसनी

डेस्क। दरभंगा जिले के कमतौल थाना क्षेत्र में हरिहरपुर से कनौर जानेवाली सड़क पर मो …

700 करोड़ का शराब घोटाला, उत्पाद विभाग का पूर्व सचिव बिहार से गिरफ्तार

  डेस्क। छत्तीसगढ़ पुलिस और बिहार पुलिस की एक संयुक्त टीम ने गुरुवार देर रात …

अब बिहार के 70 हजार सरकारी स्कूलों के बदलेंगे नाम, शिक्षा विभाग की बड़ी तैयारी

  डेस्क। बिहार में शिक्षा विभाग ने 70 हजार सरकारी स्कूलों का नाम बदलने की …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *