लखनऊ (राज प्रताप सिंह) : लखनऊ मे पिछले कई दिनों से पिता-पुत्र मिलकर फर्जी मार्कशीट बनाकर मोटी कमाई कर रहे थे। इसी सूचना पर सक्रिय हुई लखनऊ की क्राइम ब्रांच की टीम ने कैसरबाग पुलिस के साथ संयुक्त रूप से फर्जी तरीके से मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए गैंग मे शामिल चार सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से भारी मात्रा में फर्जी दास्तावेज, प्रिंटर, लैबटॉप सहित अन्य सामान बरामद किया है। वहीं इस गिरोह के सरगना पिता-पुत्र पुलिस की पकड़ से दूर हैं।लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि दोनों ही आरोपी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े है। फिरहाल पुलिस का दावा है कि फरार आरोपियों की तलाश मे कई ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।वही गिरोह में शामिल जिन चार लोगो को कैसरबाग और क्राइम ब्रांच पुलिस ने गिरफ्तार किया है इनमे अमित सिसोदिया, शाही अहमद, विकास श्रीवास्तव, खालिद कादरी है जो मथुरा, दरभंगा बिहार,हरदोई और लखनऊ के रहने वाले है| इन्हें लखनऊ में कैसरबाग के सेठी काम्प्लेक्स से गिरफ्तार किया गया है पुलिस ने मौके से कई कालेजो के फर्जी अंकपत्र, शर्टिफिकेट, अंकपत्र बनाने वाले पेपर, 184 मोहरे, 5 स्कैनर, प्रिंटर, 3 लैपटॉप, अंकपत्र बनाने वाली इंक और 12 पेपर कटर भी बरामद किया है|
वही पुलिस की माने तो इस गिरोह का मास्टर माइंड मनीष प्रताप सिंह है| जो कि राजस्थान जेल में बंद है और अपने बेटे और भतीजे की मदद से इस गिरोह को संचालित रहा है| यह लोगो गिरोह लोगो को 5 हजार से 10 हजार में फर्जी मार्कशीट और तमाम उपलब्ध कराते थे | पुलिस के मुताबिक नकली मार्कशीट बनाने के लिए जाल साज राजकीय मुक्त विद्यालय लखनऊ , बोर्ड आफ हायर सेकेंडरी दिल्ली ,राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड यूपी , भारतीय विद्यालय शिक्षा संस्थान की वेबसाइटों का इस्तेमाल करते थे । फिरहाल पुलिस का दावा है कि फरार आरोपियों की तलाश मे कई ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त मे होगे |