अजाज अहमद, बरौनी (ग्रामीण) : दुनिया का सबसे बड़ा धर्म इंसान की इंसानियत है, दुनिया की तमाम धर्म और उसके रहबर मोहब्बत और भाईचारे की पाठ पढ़ाया। दुनिया के हर धर्म ने नफरत से दूर रहने का संदेश दिया आज कुछ असमाजिक व्यक्ति इस देश में नफरत की चिंगारी जलाकर हिंदू-मुस्लिम में मोहब्बत और भाईचारे को खत्म करना चाहते हैं और इस देश को तोड़ना चाहते हैं। वैसे असमाजिक लोगो को पता नहीं के वो लोग कितने भी नफरत की बातें कर लें लेकिन हमारे देश में हर धर्म में अभी भी शिक्षित लोग मौजूद हैं। उनके बहकाबे में कभी नहीं आएंगे और वैसे लोगों का इस देश में दाल नही गलेगी। उक्त बातें बरौनी वाटिका चौक पर शनिवार की रात पयामे इंसानियत कॉन्फ्रेंस से संबोधित करते हुए मौलाना अब्दुल माजिद चतुर्वेदी शांति संदेश फुलवारी शरीफ पटना ने कहा। इन्होंने कहा कि अगर कोई इंसान किसी उलझन या परेशानी में फंसे हो और उससे निकलने का रास्ता मिल नहीं पा रहा है तो वह अपनी धर्मों की किताब को पढ़े और उस किताब में उसका निदान मिल जाएगा और आपको सबसे ज्यादा सकून मिलेगा क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण ने कहा जो इंसान अपनी मर्जी का जिंदगी गुजारेगा वह कभी कामयाब नहीं होगा अगर किसी को कामयाबी की मंजिल तय करना है तो अपने धर्म के बताए हुए तरीकों पर चले। कुरान ने भी कहा बही इंसान कामयाब होगा जो सरियत पर जिंदगी गुजारेगा। इस मौके पर पयामे इंसानियत कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता करते हुए मुफ्ती मौलाना मो. महताब आलम ने कहा हजरत मु. सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पूरी दुनिया के लिए अंतिम महा ऋषि और रसूल बनाकर भेजे गए किसी एक जगह या एक देश के लिए नहीं वह जो शांति का पैगाम इस दुनिया के लोगों को दिया है वही चीज सभी धर्म ग्रंथ में लिखा हुआ है। वहीं मौलाना असलम चतुर्वेदी ने कहा कि दुनिया की सारी चीज खत्म हो जाएगी लेकिन वह ईश्वर या भगवान खुदा कभी भी खत्म नहीं होगा। यह दुनिया के हर धर्म ग्रंथ से साबित है। इस दुनिया के हर धर्म के लोग अपनी-अपनी भाषा में अपने ईश्वर और भगवान का नाम लेते हैं लेकिन सबका इसारा एक ही तरफ है जिसने इस पूरी दुनिया को बनाया है वह है खुदा और भगवान और उन्होंने कहा कि अंतिम महाऋषी दोस्त क्या अपने दुश्मनों को भी गला लगाया करते थे गैरों के साथ मोहब्बत और भाईचारगी से पेश आते थे इसी इंसानियत का नाम इस्लाम है। आज जरूरत है कि इंसान के अंदर इंसानियत आ जाए, जरूरत इस बात की है कि अपने बच्चों को नफरत की चिंगारी से दूर रखें ताकि हमारी देश में हमेशा शांति कायम रहे। कॉन्फ्रेंस में इस्लामी कवि मौलाना मजहरुल हक नदवी ने अपनी कविता से लोगों का दिल जीता। वही मंच संचालन मौलाना सज्जाद नोमानी ने किया। आए हुए मेहमानों का स्वागत मो. किस्मत ने किया। इस मौके पर मुफ्ती अबू तल्हा इमाम जामा मस्जिद बरौनी, अलहाज मोहम्मद नसीम अहसन, मौलाना फैजुर्रहमान, मो. असजद अली आदि मौजूद थे।
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