- ठण्ड से बचाव के लिए लकड़ी बीनते नौनिहाल
लखनऊ,ब्यूरो:राज प्रताप सिंह
बीकेटी,लखनऊ।यूं तो सुबह-शाम चल रही हवाओं की वजह से बर्फीली सर्दी का एहसास होने लगा है, लेकिन उपजिलाधिकारी को अभी कड़ाके की ठंड का इंतजार है। इसी वजह से अब तक तहसील क्षेत्र के प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था अब तक नहीं की जा सकी है। वहीं बड़ी-बड़ी डींगे हांकने वाले समाजसेवी व स्वयंसेवी संगठनों के लोग भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।रोडवेज बस स्टाप पर राहगीर व मुसाफिर ठंड से ठिठुरते रहते हैं। बस स्टॉप सड़क किनारे के ठूंठों में आग लगाकर यात्री किसी तरह हाथ गर्म कर राहत महसूस करते हैं। वहीं स्कूलों को जाने वाले नौनिहाल सुबह सिकुड़ते हुए गंतव्य को रवाना होते हैं।
दिसंबर के दूसरे पखवारे में ठंड से अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। सुबह बर्फीली हवाओं व घने कोहरे की वजह से ठिठुरन बढ़ गई है। विशेषकर छोटे बच्चों का बुरा हाल है। वहीं रोज कमाने खाने वाले भीषण ठंड में सुबह काम पर निकल जाते हैं। राहगीर व मुसाफिर गंतव्य तक पहुंचने के लिए ठिठुरते हुए रवाना हो रहे हैं। बस स्टाप व सार्वजनिक स्थानों के समीप अलाव की व्यवस्था न होने से लोग कूड़ा-करकट में आग लगाकर किसी तरह अपने आपको गर्म करते हैं। परिषदीय प्राथमिक व जूनियर स्कूलों में ठंड का असर स्पष्ट दिखाई देने लगा है। बच्चों की उपस्थिति कम ही नजर आती है। साथ ही जो बच्चे पहुंचते भी हैं, वह धूप सेंकते रहते हैं। ऐसे में कई स्कूलों के शिक्षकों ने मैदानी धूप में ही कक्षाएं लगा दी हैं। शहर के मांटेसरी व कान्वेंट स्कूलों में बच्चे ठिठुरते हुए स्कूल पहुंचते हैं।
-गर्म कपड़ों की बिक्री में इजाफा
तहसील की प्रमुख बीकेटी बाजार सहित अन्य बाजारों में गर्म कपड़ों की बिक्री में खासा इजाफा हो गया है। स्वेटर, कार्डिगन, जैकेट, कोट, शाल आदि की बिक्री खूब हो रही है। गरीब लोग फुटपाथ पर सजी दुकानों से गर्म कपड़ों की खरीदारी कर रहे हैं।
-सर्दी-जुकाम, दमा व हृदय रोगी बढ़े
भीषण ठंड में जहां सर्दी-जुकाम के रोगियों की बाढ़ आ गई है। प्रतिदिन सैकड़ों की तादाद में महिला, पुरुष व विशेषकर बच्चे सर्दी-जुकाम से पीड़ित पहुंच रहे हैं। वहीं दमा व हृदय रोगियों के लिए सर्दी का मौसम मुफीद नहीं साबित हो रहा है। ऐसे में कई रोगी परेशानी बढ़ने पर जिला अस्पताल सहित अन्य नर्सिंग होम इलाज को पहुंच रहे हैं।
-लकड़ी बीनते रहे नौनिहाल
ठंड में लकड़ियों का प्रबंध करना ग्रामीणों के लिए बड़ी चुनौती के रूप में आ खड़ा हुआ है। ऐसे में छोटे-छोटे बच्चे खेतों से सूखी लकड़ी इकट्ठा करने में दिन भर जुटे रहते हैं। वहीं कुछ ग्रामीण सड़क किनारे के ठूठों को खोदकर भीषण सर्दी में लकड़ी का प्रबंध कर रहे हैं।