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अंजुमन का पद अपनी जायदाद की तरह चापलूसों के बीच रोज रोज बाँट रहे हैं सचिव:नेयाज अहमद

उर्दू का सौदा करने वालों के खिलाफ चुप्पी तोड़े उर्दू आबादी

(पटना)दरभंगा-अंजुमन तरक्की उर्दू के सचिव अब्दुल कयूम अंसारी अपनी कुर्सी बचाने के लिए सच्चाई की आवाज़ उठाने वालों को देशद्रोही कहने से भी नहीं चूक रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री बिहार श्री नीतीश कुमार को आवेदन लिख कर जो आरोप लगाया है उससे उनकी मांसिक्ता का पता चलता है कि वह किसी को बदनाम करने और उससे बदला लेने के लिए किस तरह का बेबुनियाद, सच्चाई से कोसों दूर, मनगढ़ंत और पूरी मिल्लत को शर्मसार करने वाली बातें कह सकते हैं। अब्दुल कयूम अंसारी की कार्यकलाप, अंजुमन के अन्दर रोज रोज उलटफेर और शोसल मिडिया पर गलत सलत पोस्ट की वजह से उनपर आरोप लगाने वालों की बड़ी संख्या मैदान में है। ऐसे में सिर्फ आॅल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवाँ के अध्यक्ष श्री नजरे आलम के खिलाफ इस प्रकार की ओछी हरकत कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है। अपने उपर लगे आरोप पर परदा डालने के लिए समाजिक कार्याकत्र्ता नजरे आलम को एक ही झटके में ही देशद्रोही कह देना, कैसे सही हो सकता है। यह सारी बातें इंसाफ मंच के राज्य उपाध्यक्ष नेयाज अहमद ने प्रेस ब्यान जारी कर कही है। रही बात जान से मार देने की धमकी देने, रंगदारी माँगने और सरकारी संस्थाओं को बदनाम करने की तो सभी लोग जानते हैं कि नजरे आलम के उपर इस प्रकार का कोई मुकदमा दर्ज नहीं है। जब्कि अब्दुल कयूम अंसारी और मुशताक नूरी से श्री नजरे आलम की दूर दूर तक कभी भेंट मुलाकात नहीं है। 10 दिसम्बर को जब अब्दुल कयूम अंसारी और मुशताक नूरी दरभंगा में आए थे तब नजरे आलम अपनी फालिज जदह मां के ईलाज के लिए दरभंगा और समस्तीपुर के डाक्टरों का चक्कर काट रहे थे। उसके बावजूद अब्दुल कयूम के द्वारा बदले की भावना से मनगढ़ंत आरोप लगाना अफसोसनाक है और इस हरकत की जितनी निन्दा की जाए कम है। कुछ ही दिनों के अन्दर सचिव ने प्रदेश अध्यक्ष के पद पर आलमगीर शबनम का नाम पेश करना और महिने दिनों के अन्दर हटा देना, मिथिला प्रक्षेत्र आरगनाईजर पद में सप्ताह दिनों में ही अदला बदली, मुजफफरपुर और दरभंगा की जिला स्तरीय कमिटि में एक महिने में कई बार उलटफेर देख ऐसा लगता है कि उन्होंने अंजुमन को अपनी जायदाद समझ रखा है जिसे जब चाहा पद बाँट दिया, जब चाहा पद छीन लिया। अपनी हरकत से बिहार अंजुमन तरक्की उर्दू के सचिव ने अंजुमन जैसे बावकार उर्दू संस्था को जलील और रूसवा करके रख दिया है। मुख्यमंत्री बिहार नीतीश कुमार के सामने अल्पसंख्यक समुदाय की छवि गलत तरीके से पेश करने की साजिश की गई है। इस बदतरीन गलती और मानहानी के लिए अब्दुल कयूम को माफी मांगनी चाहिए। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री बिहार नीतीश कुमार से हमारी मांग है कि ऐसे विवादित व्यक्ति को अंजुमन तरक्की उर्दू बिहार के सचिव पद से अविलंग हटा देना चाहिए और उर्दू आबादी को भी उर्दू का सौदा करने वाले जिम्मेदारों के खिलाफ खामोशी तोड़नी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो उसके खिलाफ सड़कों पर उतरा जायगा और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया जायगा।

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