लखनऊ,ब्यूरो : राज प्रताप सिंह-
लखनऊ। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अयोध्या विवाद पर नया प्रपोजल पेश किया है। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने लखनऊ में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष आचार्य नरेंद्र गिरी के साथ प्रेस कांफ्रेंस करी जिसमे वसीम रिजवी ने बताया उन्होंने अखाडा परिषद् के साथ मिलकरएक ड्राफ्ट तैयार किया है जो 18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में पेश कर दिया गया है। रिज़वी के मुताबिक ड्राफ्ट में लखनऊ में मस्जिद और अयोध्या में राम मंदिर बनाने की बात कही गयी है। इस प्रपोजल पर कई महंतों ने सहमति जताई है। 5 दिसंबर को इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। नरेंद्र गिरी ने भी मसले पर अपनी सहमति जताई है।
वसीम रिज़वी की माने तो शिया वक्फ बोर्ड का दावा है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड का पूरा केस 26 फरवरी 1944 को जारी एक नोटिफिकेशन पर बेस्ड है। इसमें उसने बाबरी मस्जिद पर हक जताया था। लेकिन कोर्ट ने इस नोटिफिकेशन की वैलिडिटी पर शक जताया था। बाबरी मस्जिद पर सुन्नी वक्फ बोर्ड का रजिस्ट्रेशन भी फैजाबाद कमिश्नर की रिपोर्ट के आधार पर अवैध घोषित हो चुका था। लिहाजा, सुन्नी वक्फ बोर्ड को इस मामले में फैसला लेने का हक नहीं है। शिया वक्फ बोर्ड ने कहा कि हिंदुओं की आस्था का सम्मान करते हुए और राष्ट्र हित में विवाद खत्म करने के मकसद से हम राम मंदिर बनाने के लिए पूरी जमीन पर अपना हक छोड़ते हैं।
लखनऊ में बने मस्जिद
वसीम रिज़वी ने लखनऊ के मोहल्ला हुसैनाबाद में नजूल की खाली पड़ी एक एकड़ जमीन शिया समुदाय को मस्जिद बनाने के लिए मिले और यह जमीन उत्तर प्रदेश सरकार दे। उन्होंने कहा की मस्जिद मीर बाकी या किसी मुगल बादशाह के नाम पर नहीं होगी। इसे अमन की मस्जिद नाम दिया जाएगा।इस प्रपोजल पर यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी, हनुमान गढ़ी निर्मोही अखाड़े के महंत रामदास, नृत्य गोपालदास, रामविलास वेदान्ती, श्रीपंच निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास जैसे नेताओं के दस्तखत हैं।
मीर बाकी ने बनवाई थी बाबरी मस्जिद
ड्राफ्ट में कहा गया है कि बाबरी मस्जिद को 1528 से 1529 के बीच मीर बाकी ने अयोध्या में बनवाया था। मीर बाकी बाबर के सेनापति थे और वो शिया मुसलमान थे। साथ ही रिजवी ने कहा की लखनऊ के चौक इलाके में मस्जिद बने और अयोध्या हिन्दुओ की आस्था का विषय है वहां मंदिर बनना चाहिए।अखिल भारतीय अखाडा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य नरेंद्र गिरी ने कहा की उन्हें इस बात से कोई ऐतराज नहीं है की मस्जिद कहा बने पर राम मंदिर अयोध्या में बनना चाहिए इसके लिए जो पांच बिंदु तैयार किये गए उसमे उनकी सहमति बरक़रार है साथ ही श्री श्री के मिलने पर उन्होंने कहा की कोई भी मिल सकता है धर्म का काम है पर पक्षकार में समझौता हो जाए ये जरुरी है।