लखनऊ(राज प्रताप सिंह) : राजधानी लखनऊ में अस्पतालों की स्थिति बद से बदतर है और सरकारी महकमा जितना इसे सुधारने में लगा है वही उतना वहां के अधिकारी पलीता लगाने में जुटे हैं। ये वो दीमक है जो खुद की जड़ो को अंदर ही अंदर खोखला करने में लगे है और उनके अफसर इनसे अनजान है।
मामला राजधानी लखनऊ के चर्चित केजीएमयू का का है जहां हमेशा कोई न कोई वारदात घटित होती है और मामले को ठंडे बस्ते में डालकर अफसर अपनी पीठ थपथपा लेते हैं। केजीएमयू में अग्निकांड हुआ और अफसर जैसे तैसे मामला ठंडा करने में लग गए। फिर एक किडनीकांड मामला सामने आया जिसमे युवक ने केजीएमयू के डॉक्टरों पर उसकी किडनी निकालने का आरोप लगाया। इतने मामले आये और सब के सब अधिकारियों की टेबल के नीचे रफा दफा हो गये।
ताजा मामला बाल रोग विभाग में मासूम को स्वाइन फ्लू का इंजेक्शन लगाने का सामने आया है जिसमे वहां के डॉक्टरों ने मासूम के परिवार से इंजेक्शन के नाम पर 800 रुपये तो लिए पर कोई रसीद नही दी। साथ ही बाल रोग विभाग में चल रहे फर्जी तरीके से कार्ड बनाने का काम जोरो पर है और बल रोग विभागाध्यक्ष को इसकी जानकारी होने के बाद भी मामले से अनजान बनी है। इस विभाग में फर्जीवाड़ा इस कदर फैला है कि यहां बच्चों का टीकाकरण फ्री में होता है पर पैसा कमाने के लिए कर्मचारी और डॉक्टर प्राइवेट कार्ड बनाकर मरीजो से पैसे वसूल रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
केजीएमयू के बाल रोग विभाग में 5 महीने के मासूम को डॉक्टर ने फर्जी तरीके से स्वाइन फ्लू का इंजेक्शन लगाने के नाम पर 800 रुपये वसूल लिए जबकि सरकार द्वारा इंजेक्शन का निर्धारित मूल्य 240 रु है। यहां पर पता नही कितने मासूमो की जान से केजीएमयू प्रशासन खिलवाड़ कर रहा है। साथ ही साथ डॉक्टर प्राइवेट कार्ड पर इस इंजेक्शन को लगा रहे है तो अब सवाल यह उठता है कि क्या सरकार द्वारा दिये गए सरकारी कार्ड और इंजेक्शन कहाँ जा रहे है जिसकी जांच होना एक गंभीर विषय है। पीड़ित परिवार के मुताबिक डॉक्टर ने ब्लड जांच के नाम पर मासूम का ब्लड निकाला था और उसकी भी कोई लिखित रसीद नही दी जो एक गंभीर जांच का विषय है।
5 माह के मासूम को लगा दिया स्वाइन फ्लू का इंजेक्शन
केजीएमयू के बाल रोग विभाग के डॉक्टरों को पैसों का ऐसा बुखार चढ़ा है कि उन्होंने 5 महीने के मासूम को स्वाइन फ्लू का इंजेक्शन लगा दिया। उसके एवज में 800 रुपये वसले लिए और कोई रसीद भी नही दी।
आखिर किसके संरक्षण में चल रहा यह कारनामा?
केजीएमयू के बाल रोग विभाग में प्राइवेट कार्ड बनाकर मरीजो से उनकी जेब काटने का काम किसके संरक्षण में चल रहा है ये जांच का मुद्दा है। यहां आने वाले परिवार से और मासूमों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।
इस कंपनी को केजीएमयू में प्राइवेट कार्ड देने की किसने दी इजाजत?
केजीएमयू में वैक्सीन बी प्रोटेक्टेड कंपनी को परमिशन आखिर किसने दे रखी है ये भी जांच का विषय है। इस कंपनी के नाम से प्राइवेट कार्ड पर मरीजो का इलाज किया जा रहा है जबकि सरकार ने सरकारी सेवा मुहैया करा रखी है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग ऐसे दलालो पर कार्रवाई करने में नाकाम सिद्ध हो रहा है।
कितने मासूम बच्चों को लगा चुके होंगे इंजेक्शन?
पैसे की लालच में केजीएमयू के बाल रोग विभाग के डॉक्टर न जाने कितने मासूम बच्चों को इंजेक्शन लगा चुके होंगे और न जाने कितने को इसका साइड इफ़ेक्ट हुआ हो? आखिर सवाल यह है कि क्या केजीएमयू प्रशासन और विभागाध्यक्ष को इनकी जानकारी नही है।
विभगाध्यक्ष मामले से बन रही अनजान
केजीएमयू बाल रोग विभगाध्यक्ष डॉ. माला मामले से अनजान बन रही है और उल्टा लखनऊ सीएमओ को इंजेक्शन लगाने का नियम बताने लगी। विभगाध्यक्ष की संज्ञान में ये फर्जीवाड़ा होने के बाद भी अनजान बनने का नाटक जारी है।
फर्जीवाड़े में दोषी कौन?
केजीएमयू के बाल रोग विभाग में फैले इस फर्जीवाड़े के पीछे किसका हाथ है ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा। लेकिन इस फर्जीवाड़े ने एक बार फिर केजीएमयू की पोल खोलकर रख दी है।
सीएमओ ने लगाई विभगाध्यक्ष को फटकार
कल 5 माह के मासूम बच्चे को लेकर जब परिवार सीएमओ आफिस इंजेक्शन लगवाने पहुँचा तब पूरा मामला सामने आया और सीएमओ लखनऊ ने केजीएमयू बाल रोग विभगाध्यक्ष डॉक्टर माला को जमकर फटकार लगाई। फटकार लगाने पर विभगाध्यक्ष ने सीएमओ को इंजेक्शन लगाने के नियम भी समझाए, जिसपर नाराज मुख्य चिकित्साधिकारी ने फटकार लगाते हुए कहा आपके विभाग में इस तरह का फर्जीवाड़ा चल रहा है और आपको इसकी जानकारी नही है।
पीड़ित परिवार ने सीएमओ को दी लिखित शिकायत
पीड़ित परिवार के मुताबिक अगर मामले को जल्द संज्ञान में नही लिया गया तो किसी और मासूम की जान सकती है या फिर कोई परिवार इनके फर्जीवाड़े का शिकार हो सकता है। कार्रवाई करना अधिकरियों का काम है लेकिन लखनऊ सीएमओ जी.एस बाजपेयी ने इनके बच्चे को सही समय पर मिलकर सही सलाह दी जिसके लिए उनका परिवार की तरफ से धन्यवाद करते हैं। साथ सीएमओ से निवेदन है कि जल्द से जल्द कार्रवाई करे ताकि कोई और परिवार इनकी ठगी का शिकार न हो l