लखनऊ(राज प्रताप सिंह) : इंडियन एयर फोर्स के फाइटर प्लेन 24 अक्टूबर को एक बार फिर लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर उड़ान भरने को तैयार हैं। इसमें जगुआर, सुखोई, मिराज, मिग श्रेणी के करीब बीस लड़ाकू विमान सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक लैंडिंग और टेक ऑफ करेंगे। एमआइ -17 हेलीकॉप्टर व हरक्यूलिस-सी 17 भी इस अभ्यास में शामिल होंगे।
आपको बता दें कि इतने बड़े लेवल पर देश में पहली बार किसी एक्सप्रेसवे पर अभ्यास होगा। इसमें युद्ध के दौरान फाइटर प्लेन के लिए होने वाली तैयारियां परखी जाएंगी। इस दौरान एक्सप्रेसवे पर यतत प्रतिबंधित रहेगा।
एयर फोर्स अधिकारियों से सुचना मिलने के बाद UPDA ने एक्सप्रेसवे पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। लखनऊ के सिरे से बानी एयर स्ट्रिप के आसपास जरुरी काम शुरू कर दिए गए हैं। इसी पर पिछले साल नवंबर को मिराज व सुखोई विमानों ने यहां से उड़ान भरी थी। उस मौके पर ही तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्सप्रेस वे का लोकार्पण किया था। सूत्रों के मुताबिक अलग अलग वायु स्टेशनों से लड़ाकू विमान एक्सप्रेस वे पर उतरेंगे।
आपको बता दें कि नॉएडा से आगरा तक बना यमुना एक्सप्रेसवे देश का पहला एक्सप्रेसवे है जिसपर इंडियन एयरफोर्स ने फाइटर प्लेन जगुआर उतारा था। इसी तरह लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे को फाइटर प्लेन लैंडिंग और टेक ऑफ कि सुविधा के साथ बनाया गया। जिसपर पिछले साल सुखोई विमान को रनवे पर से उड़ान भरी अब लखनऊ से बलिया तक बनने जा रहे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर भी इसी तरह की हवाई पट्टी बनाई जाएगी । इस पूर्वांचल एक्सप्रेस वे बन जाने के बाद यूपी के पास तीन एक्सप्रेस वे हो जाएंगे जहां फाइटर प्लेन उतारने की सुविधा होगी।
क्यों पड़ी इस वैकल्पिक व्यवस्था की जरुरत…
असल में युद्ध के दौरान जब हवाई अड्डे बंद करने पड़ें तब भी वायु सेना उतारने व उड़ने के लिए ऐसी वैकल्पिक व्यवस्था चाहती थी। इसीलिए वायु सेना ने जहां जहां एक्सप्रेस वे बन रहें हैं वहां की राज्य सरकारों से कहा था कि वह वहां पर तय मानक के हिसाब से एयर स्टि्प बनाए। ताकि इमरजेंसी में इनका इस्तेमाल हो सके।