डेस्क : एक लावारिस शव का अंतिम संस्कार करने की बजाय रेल पुलिस के गृहरक्षक द्वारा सीधे एम्बुलेंस से निकाल कर नदी की तेज़ धारा में फेंकने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वायरल हुए इस वीडियो का असर भी देखने को मिला और वीडियो में दिख रहे गृहरक्षक पर त्वरित कार्रवाई की गई. जंक्शन स्थित जीआरपी थाना में प्रतिनियुक्त गृह रक्षक जवान अवधेश मिश्रा को गृह रक्षक कमांडेंट की ओर से निलंबित कर दिया गया.
गौरतलब है कि जीआरपी थाना दरभंगा जंक्शन में प्रतिनियुक्त गृह रक्षक अवधेश मिश्रा ने गुरुवार को जंक्शन पर मृत मिली 50 वर्षीय महिला भिखारी की लाश को ले जाकर एकमी घाट स्थित पुल से नदी में फेंक दिया था. गृह रक्षक कमांडेंट जंक्शन स्थित जीआरपी थाना पहुंचकर इस घटना की जानकारी ली तथा गृह रक्षक श्री मिश्रा को निलंबित करने की अनुशंसा कर दी.
क्या है मामला
दरभंगा रेल पुलिस (जीआरपी ) का एक अमानवीय चेहरा देखने को मिला. एक लावारिस शव का अंतिम संस्कार करने की बजाय सीधे एम्बुलेंस से निकाल कर नदी की तेज़ धारा में एकमी पुल से ही फेंक दिया. एक युवक ने सारी घटना अपने मोबाइल में कैद कर ली. जिस वजह से यह मामला सामने आ सका. उसने एक जिम्मेदार नागरिक का फर्ज निभाते हुए शव फेंकने वाले पुलिस वाले और एम्बुलेंस चालाक से शव को फेंकने का कारण पूछा तो लोगों की भीड़ लग गई. पुलिस जवान ने अपने आपको दरभंगा का जीआरपी के होने की बात कह कर निकलने की कोशिश की. उसने कहा कि लाश सड़ी गली थी. लेकिन वीडियो बनाने वाले आदमी ने वीडियो बनाकर रेल पुलिस की करतूत को सोशल मीडिया पर डाल दिया.
इसके बाद सैंकड़ों लोगों ने न सिर्फ इस वीडियो को शेयर किया बल्कि पुलिस पर कई तरह की टिप्पणियां भी की. वायरल हुए इस वीडियो की जानकारी जैसे ही रेल पुलिस (जीआरपी) के एसपी को मिली, उन्होंने इस घटना की जांच के तुरंत आदेश दिए. बहरहाल पुलिस की इस कार्रवाई से न सिर्फ सोशल मीडिया की ताकत का अंदाजा लगता है बल्कि यह भी संदेश जाता है कि अगर आम लोग सजग रहें तो व्यवस्था काफी हद तक सुधर सकती है.
मालूम हो कि अज्ञात लाश के अंतिम संस्कार के लिए सरकार की ओर से एक निश्चित राशि का प्रावधान है . इस राशि से अज्ञात लाश का अंतिम संस्कार किया जाता है.
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