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जज्बा :: 98 वर्ष की उम्र में किया एमए, लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड में रिकार्ड दर्ज 

डेस्क : पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती और पढ़ाई का जज्बा रखने वालों के लिए तो उम्र मायने नहीं रखती। यह पंक्तियाँ 98 वर्ष के विद्यार्थी को पूरी तरह शोभा दे रही है।एमए में नामांकन लेने के बाद लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने जिनको देश में सबसे अधिक उम्र का विद्यार्थी घोषित किया था उनका नाम है राजकुमार वैश्य। इसके लिए उन्हें प्रमाणपत्र सौंपा गया था। 98 साल के राजकुमार वैश्य अब परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद सबसे अधिक उम्र में एमए की डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थी का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है। राजकुमार वैश्य मूल रूप से यूपी के बरेली निवासी हैं और बैचलर ऑफ लॉ (एलएलबी) की पढ़ाई पूरी करने के 79 साल बाद एमए अर्थशास्त्र की परीक्षा द्वितीय श्रेणी से उन्होंनेे पास की है।

सोमवार को उनके राजेंद्र नगर स्थित आवास परिणाम की जानकारी देने नालंदा खुला विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. एसपी सिन्हा पहुंचे तो परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने कहा कि पूरी उम्मीद थी कि परीक्षा में बेहतर अंक आएंगे। पढऩे और पढ़ाने की कोई उम्र नहीं होती। 2015 में पढ़ाई की इच्छा जाहिर करने पर नालंदा खुला विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों ने उनके घर पर जाकर नामांकन लिया था। 

एनओयू से फोन जाने के बाद परिवार के सदस्यों ने उन्हें बताया कि एमए पास कर गए हैं। उन्होंने कहा कि पहले रिजल्ट हाथ में दो तब मानेंगे पास हुए हैं। इसके बाद एनओयू के रजिस्ट्रार से उनकी बात कराई गई। कहा, दो साल की मेहनत काम आई। अब रसगुल्ला खिलाओ।

छह घंटे प्रतिदिन करते थे पढ़ाई 

राजकुमार 2015 में नामांकन लेने के बाद हर दिन छह घंटे पढ़ाई करते थे। ङ्क्षहदी में एनओयू की पाठ्य सामग्री होने के कारण उन्हें शुरुआती दिनों में थोड़ी परेशानी हो रही थी। उन्होंने बताया कि पहले सभी पाठ्यक्रम को अंग्रेजी में ट्रांसलेट किया। परीक्षा अंग्रेजी माध्यम से ही दी। परीक्षा के दौरान स्वस्थ रहने के लिए काफी सतर्कता बरती। पेट खराब और कफ नहीं हो इसके लिए अपनी पसंद के खाने को छोड़ दिया।

उनकी पुत्रवधु और पटना विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग की पूर्व अध्यक्ष प्रो. भारती एस. कुमार ने बताया कि उन्हें रसगुल्ला काफी पसंद है। पुत्र एनआइटी से रिटायर्ड प्रो. संतोष कुमार ने बताया कि कोडरमा स्थित माइका कंपनी में कई दशक तक जीएम के पद पर कार्यरत रहे। पढऩे-पढ़ाने का शौक सेवानिवृत्त होने के बाद बढ़ता ही चला गया।

1934 में किया मैट्रिक

राजकुमार वैश्य 1934 में गवर्नमेंट हाईस्कूल, बरेली से द्वितीय श्रेणी में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण हुए थे। आगरा विश्वविद्यालय से 1938 में बैचलर ऑफ आट्र्स तथा 1940 में बैचलर ऑफ लॉ की परीक्षा पास की थी। इनके तीनों बेटे रिटायर हो चुके हैं।

98 वर्षीय छात्र राजकुमार वर्तमान में अर्थशास्त्र की पुस्तक लिखने में व्यस्त हैं। उन्होंने बताया कि अपनी पुस्तक के माध्यम से गरीबी कम करने के उपाय सरकार और संबंधित एजेंसियों को बताएंगे। इसके साथ-साथ पुस्तक में 96 साल में एमए की पढ़ाई शुरू करने के कारण और अनुभव भी पुस्तक के माध्यम से साझा करेंगे।

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