दरभंगा : जिले के अलीनगर थाना परिसर में न केवल विवाह मंडप सजा बल्कि पुलिसकर्मी बाराती बने औ.र पारंपरिक तरीके से प्रेमी संग प्रेमिका का विवाह संपन्न कराया गया। सुपौल जिले के मरौना थाना क्षेत्र के रहने वाले बालेश्वर चौपाल की बेटी सरिता कुमारी और दरभंगा जिले के अलीनगर थाना क्षेत्र निवासी मुनेश्वर साह के बेटे इंद्रजीत की थाने में ही शादी कराई गई।
मिली जानकारी के मुताबिक अपने प्रेमी को पाने के लिए जब प्रेमिका अकेली ही अपने प्रेमी के घर पहुंची तो प्रेमी के घरवालों ने न सिर्फ अपने घर का दरवाज़ा बंद कर लिया बल्कि प्रेमी भी अपने घरवालों के डर से अपनी प्रेमिका को पहचानने से भी इंकार कर दिया , लेकिन प्रेमिका भी कहा हार मानने वाली थी, आखिरकार वह अपने प्रेमी के दरवाज़े पर ही बैठ गयी। गांव में यह बात जंगल के आग की तरह फ़ैल गयी, देखते ही देखते मौके पर लोगो की भीड़ जुट गयी, मामला समझ मे आते हीं गाँव वालो ने लड़के के परिजनो पर लड़की से शादी करने का दबाब बनाने लगे। लेकिन लड़के के घरवाले किसी भी सूरत में लड़की को अपनाने के लिए तैयार नहीं थे, आखिरकार लड़की ने अपने प्रेमी को पाने के लिए पुलिस से मदद मांगी। वहीं, मौके पर पहुंची पुलिस ने काफी जद्दोजहद के बाद किसी तरह दबाव बनाकर लड़के के माता-पिता को शादी के लिए तैयार किया। जिसके बाद बीती रात ग्रामीणों के बीच पुलिस की उपस्थिति में प्रेमी जोड़े की शादी अलीनगर थाना परिसर में कराई गई। जिसमे काफी संख्या में महिलायें ने भी भाग ली और शादी की मंगल गीत गाई जबकि गांव के एक सज्जन ने कन्यादान भी किया। ये शादी गांव में चर्चा का विषय बनी रही।
अलीनगर के थाना प्रभारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि ग्रामीणों के सहयोग से पुलिस की उपस्थिति में प्रेमी जोड़े की शादी अलीनगर थाना परिसर में पारंपरिक तरीके और हिंदू रीति-रिवाज से कराई गई। इस विवाह समारोह में गांव के लोगों ने भी हिस्सा लिया और महिलाओं ने भी शादी के मंगल गीत गाए।
शादी के बाद सरिता का कहना है, ‘सुना था कि सच्चे प्यार की हमेशा जीत होती है, आज यह देख भी लिया। आज मेरे प्यार की भी जीत हुई है।’ सरिता को इस बात का अफसोस जरूर है कि उसकी शादी पुलिस के हस्तक्षेप के बाद थाना परिसर में हुई, हालांकि उसे इस बात का सुकून भी है कि उसका जीवनसाथी मिल गया। बहरहाल इस विवाह का चर्चा आसपास के क्षेत्रों में हो रही है और लोग इसे सच्चे प्यार की जीत बता रहे हैं।