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बिहार :: दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ नीतीश का आगाज, दिलाई शपथ

डेस्क : गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर का दिन बिहार के लिए ऐतिहासिक हो गया। शराबबंदी के बाद अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ सशक्त अभियान की शुरूआत कर एक और बड़ी मुहिम छेड़ दी है।

नीतीश कुमार ने लोगों से दहेज वाली शादी में शामिल नहीं होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि एक साल में बाल विवाह और दहेज प्रथा में काफी गिरावट आएगी। 21 जनवरी को बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ मानव श्रृंखला बनाने के लिए मैं बिहार की जनता से अपील करता हूं।

सीएम ने कहा कि बिहार के लोग राजनीतिक रुप से काफी जागरुक हैं और अब सामाजिक रुप से भी जागरुक होने की जरुरत है। दहेज प्रताड़ना में यूपी के बाद बिहार दूसरे स्थान पर है। बिहार में बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान का पूरे देश पर असर होगा। उन्होंने तमाम राजनीतिक पार्टियों से भी बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ मुहिम चलाने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बापू के विचारों को जन जन तक पहुंचाएंगे। ये हमारा संकल्प है। बापू को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम लोग उनके बताएं रास्ते पर चलें।

शराबबंदी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद बिहार का माहौल बदल गया है. शराबबंदी को लेकर लोग हमारा मजाक उड़ाते थे लेकिन बदले हालात को देखकर वहीं लोग आज नजरे छुपाते फिर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज भी कुछ लोग शराब के धंधे में लगे हैं लेकिन उनपर सख्त नजर रखी जा रही है।

इस मौके पर डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने सीएम नीतीश से आग्रह किया कि बाल विवाह और दहेज प्रथा के लिए गांव के मुखिया को जिम्मेदार ठहराया जाए। डिप्टी सीएम ने लोगों से अपील की कि आप लोग अगर तय कर लें कि दहेज ना लेंगे और ना देंगे तभी ये सामाजिक कुरीतियां खत्म होगी।
इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने कहा कि बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान सफल होगा।

बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ शपथ

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की जनता को दहेज प्रथा और बाल विवाह की प्रथा को खत्म करने का संकल्प दिलाएं. पूरे बिहार मे इस अवसर पर लोग शपथ लिये कि वो न दहेज लेंगे और ना देंगे. साथ ही बाल विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ भी जंग छेड़ दिया गया है। जिलास्तर, ब्लॉक स्तर और पंचायत स्तर पर भी इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

शराबबंदी के खिलाफ चलाई थी मुहिम

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में शराबबंदी लागू करके पहले ही समाजिक परिवर्तन का आगाज कर चुके हैं. 1 अप्रैल 2016 से बिहार में शराबबंदी लागू है. 21 जनवरी 2017 को करीब चार करोड़ लोगों ने पूरे बिहार में शराबबंदी के पक्ष में मानव श्रृंखला बनाई थी. दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ इस मुहिम को भी सफलता मिले इसके लिए राज्य सरकार और सभी जिले के प्रशासन जोर-शोर से लगे हुए हैं. जिस प्रकार शराबबंदी को लेकर महिलाओं में जबरदस्त उत्साह देखा गया था, माना जा रहा है कि ये दोनों सामाजिक परिवर्तन भी महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल होंगे।

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