गढ़हरा/बरौनी (बेगूसराय) : स्वच्छ अभियान को लेकर भारत और बिहार सरकार सूबे में जोरों से प्रचार प्रसार कर रही है। लेकिन स्थानीय प्रशासन इसे अमली जामा पहनाने में कारगर कदम नहीं उठा रही है। जिस कारण स्वच्छता अभियान की सफलता पर ग्रहण लग गया है। जिसका उदाहरण बरौनी चौक पर देखा जा सकता है। किस तरह फल व्यापरियों के द्वारा सड़े गले कूड़े कचड़े का अम्बार सड़क पर जमा कर दिया जाता है। जिसके कारण सड़ांध की बदवू फैलते रहता है। उस सड़क से होकर राहगीरों को पैदल चलना मुश्किल बना हुआ है। बिना नाक पर कपड़ा ढ़के चलना दूभर है। जबकि इस सड़क होकर अनुमंडल पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, थानाध्यक्ष, मुखिया आदि प्रतिदिन होकर गुजरते हैं लेकिन इस ओर देखना तक मुनासिब नहीं समझते। असंवेदनशीलता के कारण बरौनी का मुख्य चौक की स्थिति नारकीय बनी हुई है। इस बिकराल गंदगी के प्रति संवेदनशीलता नहीं होती है तो क्षय रोग कभी भी बिकराल रूप धारण कर लेगी। साथ सरकारी स्वच्छता अभियान कागज पर ही सिमट कर रह जाएगी
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