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बिहार :: बरौनी रिफाईनरी द्वारा प्रेस मीट आयोजित

आरिफ हुसैन, बेगूसराय : शनिवार को बरौनी रिफाईनरी द्वारा प्रेस मीट आयोजित किया गया। जिसमें कार्यपालक निदेशक बीके शुक्ला ने अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 2017 में दूसरी बार आपसे साझा होते हुए अत्यंत प्रसन्न ता हो रही है। हमने पिछली बार 24 मार्च 2017 को ऑफिसर्स क्लब में आयोजित प्रेस मीट में विचारों का आदान प्रदान किया था। आपके सुझावों पर आधारित आज की बैठक विशेष है। क्योंकि आज बरौनी रिफाईनरी प्लांट की विकसित तस्वीर आपसे रूबरू होगी। पिछले 10 से 15 सालों में बरौनी रिफाइनरी में कई तकनीकी उत्थान हुए हैं जिसमें हमने बीएस टू से बीएस फोर स्टैंडर्ड के डीजल एवं पेट्रोल उत्पादन करने का सफर तय किया है और अब बीएस छह की तैयारी चल रही है। हमने कोलतार के उत्पादन के लिए नया बिटूरोक्स यूनिट लगाया है। अन्य उत्पादों जैसे एलपीजी, एसकेओ आदि की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए एवीयू का नविनीकरण किया। रिफाईनरी की दक्षता को बढ़ाने के लिए दो नए कोक ड्रम्सन के साथ कोकर यूनिट का नविनीकरण किया। रिफाइनरी की सम्पूर्ण उत्पादकता अनूरक्षण के लिए जापान के टीपीएम (टोटल प्रोडक्टिकव मेंटेनेन्स) कांसेप्ट के तहत कई कार्य किए गए एवं अवार्ड भी प्राप्त किये। अब टीपीएम के अगले पड़ाव के मापदंडों पर खड़ा उतरने की तैयारी है। रिफाइनरी की बदली हुई तस्वीर देखकर मुझे आशा है आपको गर्व महसूस होगा। श्री शुक्ला ने कहा विभिन्न मंचों, सोशल मीडिया पर यह बात चल रही है कि कुछ समय के बाद तेल का कारोबार कम हो जाएगा या खत्म हो जाएगा। इलेक्ट्रिक बैटरी वाहनों के प्रयोग बढ़ने की आशंका है जिससे रिफाइनरियों पर असर पड़ सकता है। पर ऐसी चुनौतियों के लिए इंडियन ऑयल ने अपनी योजनाऐं तैयार कर रखी है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने 2030 तक अपनी क्षमता को दो गुना करने का लक्ष्य रखा है। कॉर्पोरेशन पेट्रोकेमिकल कारोबार के क्षेत्र में भी अपनी क्षमता को बढ़ा रहा है। विश्व में पेट्रोकेमिकल की कुल खपत का एक तिहाई भाग भारत में उपभोग होता है। इससे यह पता चलता है कि पेट्रोकेमिकल के कारोबार में हमारे लिए अपार संभावनाएं हैं। हरित ईंधन की चर्चा भी जोरों पर है। भारत सरकार द्वारा उज्जवला योजना के तहत 3.1 करोड़ लोगों को निःशुल्क गैस कनेक्सन दिए गए हैं जिसमें से 1.5 करोड़ से अधिक कनेक्सन इंडियन ऑयल द्वारा प्रदान किए गए हैं। इससे हमारी गैस की मांग में वृद्धि होगी। कॉर्पोरेशन ने गेल के बाद दूसरे नंबर की गैस प्रदाता कंपनी बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए इंडियन ऑयल एन्नोर, धमरा और मुन्द्रा में गैस टर्मिनलों में अपनी रणनीतिक हिस्सेदारी को बनाए हुए है। इसके अलावा हम सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में भी लगातार वृद्धि कर रहे हैं। पिछले वर्ष तक हमारा जनरेशन 69 मेगावाट था इस वर्ष हमने इसमें 100 मेगावाट की वृद्धि की है और अब हमारा सोलर उर्जा जनरेशन 169 मेगावाट हो गया है। अगले चार वर्षों में इसे बढ़ाकर 360 मेगावाट करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट होने के नाते हम स्थानीय स्तर पर लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए अपने सामाजिक दायित्वों को पूरी लगन और निष्ठा के साथ पूरा करते हैं। जन-कल्याणकारी गतिविधियों के अंतर्गत समय पर आस-पास के गांवों में सार्वजनिक स्वास्थ्य जांच शिविरों का आयोजन, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, स्कूलों को फर्नीचर आदि भी प्रदान किया जाता है। सीएसआर के अंतर्गत शुरू की गई बरौनी रिफाइनरी स्वास्थ्य परिचारिका प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत रिफाइनरी के निकट स्थित गांवों के गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवार की छात्राओं का दाखिला नर्सिंग पाठ्यक्रम में करवाया जाता है। इनके पठन-पाठन का खर्च बरौनी रिफाइनरी द्वारा वहन किया जा रहा है। इस वर्ष चार छात्राएं इसके लिए चयनित हुई हैं। इनमें तीन छात्राओं का चयन एएनएम पाठ्यक्रम और एक छात्रा का चयन जीएनएम पाठ्यक्रम के लिए हुआ है। इस योजना पर वर्ष 2017-18 में सात छात्राओं के पठन-पाठन पर कुल 4.5 लाख रुपये व्यय होंगे। श्री शुक्ला ने कहा कि पपरौर, मोसादपुर, जेमरा एवं बथौली गांवों में 500 लीटर प्रति घंटे की क्षमता वाले आरओ प्लांट लगाए जा चुके हैं जिससे 20,000 से अधिक लोग लाभान्वित हो रहे हैं। इस परियोजना की कुल लागत 39.13 लाख रुपये है। सीएसआर के अंतर्गत रिफाइनरी के निकट स्थित गांवों और बेगूसराय जिले के गरीब परिवार विद्यार्थियों को अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु शुरू की गई। उन्होंने कहा कि बरौनी रिफाइनरी दिनकर उच्च शिक्षा सहायता योजना तहत पिछले वर्ष की अपेक्षा 10 की जगह 15 विद्यार्थी लाभान्वियत हुए। इसके तहत 12वीं के बाद उच्च शिक्षा हेतु प्रोफेशनल पाठ्यक्रम के लिए 15 विद्यार्थियों को दो लाख, गैर-प्रोफेशनल पाठ्यक्रम के लिए एक लाख रुपये की एकमुश्त आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इस वर्ष हमने छात्रवृत्ति की संख्या को बढ़ाया है। बरौनी रिफाइनरी श्रीकृष्ण सिंह छात्रवृत्ति योजना के तहत पिछले वर्ष की अपेक्षा 20 की जगह 40 बच्चे लाभान्वित हुए। इसके तहत 10वीं पास करने वाले 20 छात्रों और 20 छात्राओं को 11वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के लिए दो वर्ष तक 25 हजार रुपये प्रतिवर्ष की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इस वर्ष हमने छात्रवृत्ति की संख्या को बढ़ाया है। कौशल विकास केंद्र के तहत अबतक 450 युवाओं को प्लम्बिंग, कारपेंट्री, वेल्डिंग, फिटिंग और इलेक्ट्रिशियन ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इनमें से 290 युवा प्रशिक्षण परीक्षा में उत्तीर्ण हो चुके हैं एवं 104 युवाओं को प्लेंसमेंट भी प्रदान किया जा चुका है। इसके अलावा बरौनी रिफाइनरी द्वारा महना, रचियाही, पसपुरा और डुमरी में महिलाओं और बच्चों के लिए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया जिससे 2499 महिलाएं और बच्चे लाभान्वित हुए। इसके अलावा पिछले 6 महीनों में रचियाही, मोसादपुर, सबौरा ग्रामों में जागरूकता शिविरों का अयोजन किया गया। श्री शुक्ला ने बरौनी रिफाईनरी की उपलब्ध्यिं एवं परियोजनाएं के बारे में बताया कि 2015-16 के पिछले रिकॉर्ड 6524.844 टीएमटी को पीछे छोड़ते हुए 2016-17 में सर्वाधिक क्रूड रिसिव 6559.532 टीएमटी किया गया। 2015-16 के पिछले रिकॉर्ड 3243.263 टीएमटी को पीछे छोड़ते हुए 2016-17 में सर्वाधिक एचएसडी डिस्पैच 3316.893 टीएमटी किया गया। बिटुरोक्स एचएस क्रूड प्रोसेसिंग को बढ़ाने के लिए और कोलतार के विभिन्न ग्रेड के उत्पादों के उत्पादन के लिए 100 टीएमटीपीए क्षमता की बिटुरोक्स इकाई लगाई गई है। जिससे बरौनी रिफाइनरी पूर्वी क्षेत्र की कोलतार की मांग को पूरा कर पाएगी। कोकर-ए का आधुनिकीकरण 480 करोड़ रुपये की लागत से कोकर-ए के आधुनिकीकरण का कार्य पूरा हो गया। इसकी कमीशनिंग के बाद बरौनी रिफाइनरी में हाई सल्फर क्रूड की प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ जाएगी जिससे ग्रास रिफाइनरी मार्जिन (जीआरएम) में बढ़ोत्तरी होगी। श्री शुक्ला ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति हम बचनबद्ध हैं और अपनी पूरी लगन से इस दिशा में कार्य कर रहे हैं। इस जिम्मेदारी को निभाते हुए हम प्रत्येक वर्ष वृक्षारोपण करके पर्यावरण संरक्षण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री के कैशलेस मिशन को पूरा करने के लिए रिफाइनरी प्रतिबद्ध है। इसके तहत कर्मचारियों एवं ठेका मजदूरों के वेतन शत-प्रतिशत डिजिटल भुगतान से किया जा रहा है। ठेकेदारों के सारे भुगतान भी ई-पेमेंट के द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा टाउनशिप को कैशलेस बनाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। दुकानदारों एवं ग्राहकों को सारे लेन-देन डिजिटल भुगतान से करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस अवसर पर रवीन्द्र मानवी मुख्य महाप्रबंधक (तक.सेवा एवं एच.एस.ई.), एलएन प्रसाद, मुख्यह महाप्रबंधक (तकनीकी), समिरन सरकार मुख्य महाप्रबंधक (परियोजना), टीके सेठ मुख्य महाप्रबंधक (पी एंड यू एवं यंत्र प्रयोग), मानस बरा मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन), सभी महाप्रबंधकगण एवं विशिष्ट अतिथिगण सहित अंकिता श्रीवास्तव सहायक प्रबंधक सीसी मौजूद थे।

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