मधुबनी : रेलवे स्टेशन का नजारा बदल रहा है जो केवल मधुबनी पेंटिंग के लिए ही आकर्षित नहीं करेगा, बल्कि इन पेंटिंग के जरिए आप इस क्षेत्र की पुरानी कहानियों और स्थानीय सामाजिक सरोकारों से भी रूबरू हो सकेंगे। पूर्व मध्य रेलवे के मधुबनी स्टेशन का नाम जल्द ही गिनीज बुक में दर्ज हो सकता है। मधुबनी रेलवे स्टेशन की दीवारों पर गैर सरकारी संस्था ‘क्राफ्टवाला’ की पहल पर करीब 7,000 वर्गफीट से अधिक क्षेत्रफल में मधुबनी पेंटिंग बनाई जा रही है। गांधी जयंती के मौके पर दो अक्टूबर से मधुबनी रेलवे स्टेशन पर इसकी शुरुआत की गई है। सात अक्टूबर तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। संभावना है कि उसी दिन इसका लोकार्पण भी किया जाएगा। इसमें 100 कलाकार अपना श्रमदान कर रहे हैं। इस कार्य में रेलवे भी सहयोग कर रहा है।
मधुबनी के ठाढ़ी गांव निवास व ‘क्राफ्टवाला’ के संयोजक राकेश कुमार झा ने बताया कि किसी भी क्षेत्र में इतने बड़े क्षेत्रफल में लोक चित्रकला को उकेरा जाना एक रिकॉर्ड हो सकता है। राकेश कुमार झा ने बताया कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में मात्र 4566.1 वर्गफीट में पेंटिंग दर्ज है, जबकि भारत में सबसे बड़ी पेंटिंग का रिकॉर्ड मात्र 720 वर्गफीट का है।
पेंटिंग कर रही स्वीटी कुमारी ने बताया कि इस पेंटिंग को कुल 46 थीम में बांटा गया है। यहां पेंटिंग के जरिए जहां एक तरफ रामचरित मानस के तहत राम-सीता वाटिका मिलन, धनुष भंग, सीता की विदाई को दिखाया जा रहा है वहीं कृष्णलीला के तहत कृष्ण जन्म , माखन चोरी, कालिया मर्दन, कृष्ण रास को भी प्रदर्शित करने की कोशिश की जा रही है।
समस्तीपुर के डीआरएम आरके जैन व मधुबनी के ठाढ़ी गांव निवासी ‘क्राफ्टवाला’ राकेश झा इस काम को मिशन के तौर पर कराने में लगे हैं।