राजगीर। ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन को लेकर बिहारशरीफ-राजगीर एनएच 82 को आनन-फानन में बुधवार की रात को बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा सड़क का मरम्मति कार्य किया गया था। आनन-फानन में किए गये इस कार्य में गुणवत्ता का तनिक भी ख्याल नहीं रखा गया जिसके कारण मरम्मति के महज दस घंटे बाद ही सड़क फिर से कबड़ने लग गयी है। सड़कों पर गिट्टी निकल कर बाहर आ गये हैं जो सड़क दुर्घटना को आमंत्रण दे रहा है। जिस रात को सड़क बनाया गया उसके अगले दिन गुरुवार को ही देश के विभिन्न राज्यों से ऊर्जा मंत्रियों, मुख्यमंत्री व राज्य के वरीय पदाधिकारियों को आना था। उसी दिन सड़क पर बिछाये गए सारे गिट्टी निखरकर उपर बिखर गए। हालांकि ऊर्जा मंत्रियों का सम्मेलन गुरुवार की दोपहर बाद स्थगित हो गया। इस कारण इस रास्ते से होकर कोई मंत्री व वरीय पदाधिकारी नहीं आ सके। वहीं सड़क बनने के महज दस घंटे बाद ही टूटने व सड़क पर गिट्टी निखर जाने के कारण कई मोटर बाइक सवार गिर जा रहे हैं। वहीं वाहनों के चक्के इन गिट्टी से टकराकर सड़क किनारे बने दुकानों में प्रवेश कर रहा है जिससे राहगीरों और दुकानदारों को परेशानी हो रही है। बताते चलें कि कॉरपोरेशन के द्वारा सड़क का मरम्मती हैदराबाद की कंपनी कल्सी के द्वारा कराया गया था। यही कंपनी गया से बिहारशरीफ भाया राजगीर फोरलेन निर्माण कार्य कर रही है। अब इसके द्वारा किए गये मरम्मती कार्य का घटिया निर्माण के कारण फोरलेन निर्माण के गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लग गये हैं। शहरवासियों के अनुसार जब एक छोटे से कार्य में यह हाल है तो आगे फोरलेन निर्माण में गुणवत्ता का कितना ख्याल रखा जायेगा यह सोचने वाली बात है। शहरवासियों ने कहा कि शहर में जो मंत्रियों के आगमन को लेकर सड़क बनायी गयी उसकी गुणवत्ता काफी निम्न स्तर की थी। सड़क पर गिट्टी को बहुत कम मुटाई में बिछाया गया और उसमें अलकतरा की मात्रा नहीं के बराबर था। वहीं इसके फिनिशिंग में भी काफी लापरवाही बरती गयी थी। इस कारण बिछाने के महज कुछ ही घंटे बाद यह स्थिति हो गयी। लोगों ने सरकार व प्रशासन के वरीय अधिकारियों से इसकी जांच की मांग की है। बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के डीजीएम मुकेश कुमार ने बताया कि सड़क निर्माण काफी जल्दबाजी में किया जा रहा था। रात-दिन एक कर सड़क का निर्माण हो रहा था। सड़क निर्माण का मैटेरियल गया प्लांट से मंगायी जा रही थी। दूरी होने के वजह से वह मैटेरियल ठंडा हो गया था। इस कारण ही वह उखड़ गया। उखड़ने का मुख्य वजह मैटेरियल का गरम नहीं रह सकना है। उन्होंने कहा कि दो दिनों के अंदर इसे ठीक कर दिया जायेगा। वहीं फोरलेन निर्माण कार्य में लगी एजेंसी कल्सी के प्रोजेक्ट मैनेजर नागेश्वर राव ने बताया कि उनका एक प्लांट गया में है और दूसरा बस्ती बिगहा के पास है। बस्ती बिगहा वाली प्लांट के खराब रहने के कारण गया से मैटेरियल मंगाना पड़ा था। इस कारण वह ठंडा हो गया जिससे वह उखड़ गया। उन्होंने बताया कि उखड़े हुए गिट्टी को एक से दो दिनों के भीतर ठीक करवा दिया जायेगा।
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