कुश बाजपेयी
बीकेटी,लखनऊ।बख्शी का तालाब के ग्राम पंचायत कठवारा में ऐतिहासिक दशहरा मेले में रावण वध का मंचन गांव के व्यक्तियों द्वारा किया गया। इसमें दोनों सेनाओं ने एक दूसरे पर बाणों की बौछार की कई बाणों के बाद भी जब रावण पर कोई असर नहीं हुआ तब उनके भाई विभीषण ने राम को बताया कि रावण की नाभि में जब तक अमृत कुंड है तब तक रावण का वध संभव नहीं है इसके बाद राम ने निशाना साधा।उसके नाभि पर वार किया जिसके बाद महारथी रावण जमीन पर धराशायी हो गया।जमीन पर गिरने के बाद जब राम और उनके अनुज भाई लक्ष्मण रावण के पास पहुंचे तो रावण ने कहा कि मेरा राज्य तुमसे बड़ा है उम्र में भी मैं तुमसे बड़ा हूं ज्ञान भी मुझे तुम से कहीं अधिक है मेरी लंका सोने की है फिर भी मैं हार गया और तुम जीत गए जानते हो ऐसा क्यों हुआ क्योंकि तुम्हारा भाई तुम्हारे साथ है मेरा भाई मुझसे अलग इसलिए अपने परिवार से कभी अलग नहीं होना चाहिए रावण वध के बाद पुतले का दहन किया गया और रावण के अंत और उस के पुतले में आग लगते ही पूरा परिसर जय श्रीराम के जयकारों से गूंजा। आलम यह था कि जितनी भीड़ मेला मैदान में थी इससे ज्यादा सड़कों व दुकानों पर थी शाम होते ही जब रावण जलाया गया तो दूर-दूर से आये लोगों ने रावण की हड्डियां उठाकर ले गए।22 वर्षों से इस दशहरा मेले का आयोजन स्थानीय लोगों के द्वारा किया जा रहा है।