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क्रिकेट :: सरहद पर मौत और मैदान में जंग, भारत-पाक महामुकाबला आज

डेस्क : दो देशों के बीच तनाव का आलम चरम पर है। सरहद पर जवान एक एक कर शहीद हो रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भारत पाक की दुश्मनी जगजाहिर है ऐसे में गत चैंपियन भारत आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के अपने पहले मैच में रविवार को जब यहां पाकिस्तान के खिलाफ मैदान पर उतरेगी तो उसका उद्देश्य न सिर्फ चिर-प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ जीत दर्ज करना होगा, बल्कि वह मैदान के बाहर के विवादों पर भी लगाम लगाना चाहेगी। भारत और पाकिस्तान के बीच मैच कहीं भी हो, उसे विश्व क्रिकेट में महामुकाबले का नाम दिया जाता है। ऐसे में यह तय है कि इस मैच में रोमांच और तनाव की भी कमी नहीं होगी।

आमिर-कोहली के बीच जंग

मौजूदा दौर के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में से एक मुहम्मद आमिर और करिश्माई बल्लेबाज विराट कोहली के बीच जंग देखने लायक होगी। इस मुकाबले को यदि भारत के बल्लेबाजों और पाकिस्तान के गेंदबाजों के बीच कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। भारत के पास कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन, युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धौनी जैसे बल्लेबाज हैं जो किसी भी गेंदबाजी आक्रमण के लिए परेशानी का सबब हो सकते हैं। लेकिन, एजबेस्टन की पिच के बल्लेबाजी के अनुकूल होने के बावजूद इंग्लैंड की परिस्थितियों में आमिर और उन्हीं के समान प्रतिभाशाली जुनैद खान का सामना करना भारतीय बल्लेबाजों के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं होगा। वैसे, अपना दिन होने पर पाकिस्तान किसी भी टीम को हरा सकती है और खराब दिन होने पर किसी भी टीम से हार सकती है। 

भारत की चिंता गेंदबाजी संयोजन

भारत के लिए चिंता का सबब गेंदबाजी संयोजन होगा। ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या टीम को संतुलन प्रदान करते हैं। जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार का खेलना तय है। उमेश यादव शानदार फॉर्म में हैं, लेकिन मुहम्मद शमी के पास विविधता है और वह सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को परेशान कर सकते हैं। पाकिस्तान के शीर्ष क्रम में दायें हाथ के बल्लेबाजों की अधिकता है, इसलिए टीम में रवींद्र जडेजा की जगह लेना रविचंद्रन अश्विन के लिए कड़ी चुनौती होगा। गेंदबाजी में पाकिस्तान का पलड़ा भारी हो सकता है, जिसके पास आमिर, वहाब रियाज और जुनैद जैसे गेंदबाज हैं। लेकिन, भुवनेश्वर, बुमराह, शमी और उमेश एक साथ मिलकर बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण बनाते हैं। अन्य मुकाबलों से अलग : भारत और पाकिस्तान का मुकाबला हमेशा अन्य मुकाबलों से अलग होता है क्योंकि इसका सामाजिक-राजनैतिक परिपेक्ष्य भी रहता है। दक्षिण एशिया के इन दोनों चिर-प्रतिद्वंद्वी पड़ोसियों के बीच सीमा पर चल रहे तनाव और प्रतिद्वंद्विता के इतिहास ने इसे अलग रंग दे दिया है। क्रिकेटरों के लिए यह एक आम मैच होगा, लेकिन क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह इससे कहीं ज्यादा है और सीमा के आर-पार के प्रशंसकों को एक-दूसरे से हारना गंवारा नहीं है।

 परिपक्वता की परीक्षा

‘बल्लेबाज’ कोहली को पता है कि पाकिस्तान को कैसे हराया जा सकता है, लेकिन ‘कप्तान’ कोहली के लिए यह उनकी परिपक्वता की परीक्षा होगी। जबकि, भारत इतने महत्वपूर्ण टूर्नामेंट में खेल रहा है, ऐसे में कोहली के मुख्य कोच अनिल कुंबले से मतभेद की खबरें भी गलत समय पर आई हैं। हालांकि, भारत ने पहले भी मैदान से बाहर के विवादों को भुलाकर शानदार प्रदर्शन किया है। दूसरी ओर, पाकिस्तान की टीम भी विवादों से अछूती नहीं है। उमर अकमल को खराब फिटनेस की वजह से टूर्नामेंट से पहले स्वदेश भेजना पड़ा। चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के खिलाफ पाकिस्तान का रिकॉर्ड 2-1 का है, लेकिन कागजों पर कोहली की टीम हर विभाग में उनसे कहीं ज्यादा आगे नजर आ रही है।

बल्लेबाजी में भारत आगे

बल्लेबाजी की बात की जाए तो रोहित शर्मा छह महीने से ज्यादा के समय के बाद पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेंगे, जबकि शिखर धवन 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी का प्रदर्शन दोहराना चाहेंगे, जब उन्हें मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला था। अपना दिन होने पर रोहित और शिखर मैच विजेता साबित होते हैं और अच्छे बल्लेबाजी ट्रैक पर वे बेहतरीन नजर आते हैं। पाकिस्तान के पास अजहर अली और अहमद शहजाद प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं, लेकिन वे भारतीय जोड़ी के समकक्ष नहीं ठहरते हैं। तीसरे नंबर पर निर्विवाद रूप से दुनिया के चार सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में स्टीव स्मिथ, केन विलियमसन और जो रूट के साथ कोहली को शुमार किया जाता है।

तो युवराज की जगह लेंगे कार्तिक

पाकिस्तान के बेहतरीन युवा बाबर आजम की औसत 45 के करीब है। हालांकि, भारत के खिलाफ मैच में दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम में न सिर्फ उनकी तकनीक की परीक्षा होगी, बल्कि उनकी मनोदशा की भी परीक्षा होगी। अनुभवी युवराज और धौनी की मुहम्मद हफीज और सरफराज अहमद से कोई तुलना ही नहीं है। हालांकि, बीमार होने के कारण अभ्यास मैचों में नहीं खेल सके युवराज का अभी इस मैच में खेलना तय नहीं है। यदि वह बाहर रहते हैं तो दिनेश कार्तिक को मौका दिया जा सकता है। पॉकेट डायनामाइट के नाम से पहचाने जाने वाले केदार जाधव के लिए यह भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर पहली बड़ी चुनौती होगी।

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