जालंधर (आकाश पासी):बीते महीने नायब तहसीलदार मनदीप सिंह और वसीका नवीस गुलशन सारंगल के बीच 20,000 रुपये की रिश्वत को ले कर जो विवाद हुआ था, इस मामले सम्बन्धी एसोसिएशन ऑफ़ लॉयर्स फॉर सोशल जस्टिस के चैयरमेन व् अधिवक्ता हरमिंदर सिंह संधू ने मुख्यमंत्री पंजाब, मुख्य सचिव पंजाब सरकार, वित्त मंत्री पंजाब सरकार, वित्त सचिव पंजाब सरकार, डी.जी.पी विजिलेंस पंजाब, डी.सी जालंधर को लिखित रूप से शिकायत की थी जिसके बाद इस मामले की जांच एस.डी.एम्-1 को सौंपी थी | इस मामले में तीन तारीखें पहले ही पढ़ चकी हैं और चौथी तारीख बुधवार 14 जून को थी | एडवोकेट हरमिंदर सिंह संधू और वसीका नवीस गुलशन सारंगल ने एस.डी.एम्-1 के दफ्तर में 11:00 बजे पेश हुए थे व् अधिवक्ता हरमिंदर सिंह संधू ने अपने ब्यान दर्ज थे | नायब तहसीलदार की हाज़री उसकी कही ड्यूटी लगी होने के कारण माफ़ कर दी गयी थी | अधिवक्ता हरमिंदर सिंह संधू ने इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा था कि इस मामले को ज़्यादा लटकाया जाए और फैसला जल्दी किया जाए और जो कोई भी दोषी है उसके खिलाफ बनती क़ानूनी कार्यवाही की जाए |एस.डी.एम्-1 ने इस मामले की अगली तारीख़ वीरवार 15 जून को रखी थी | वीरवार को अधिवक्ता हरमिंदर सिंह संधू ने एस.डी.एम्-1 के सामने पेश हो कर अपने ब्यान लिखवाए | इस बीच तहसीलदार मनदीप सिंह व् वसीका नवीस गुलशन सारंगल ने भी एस.डी.एम्-1 के सामने पेश हो कर अपने ब्यान दर्ज करवाए | एस.डी.एम्-1 ने इस मामले की अगली तारीख़ 27 जून रखी है |
इस दौरान अधिवक्ता हरमिंदर सिंह संधू ने कहा कि इस मामले की जांच जल्दी होनी चाहिए,अगर नायब तहसीलदार ने 20 हज़ार रुपये की रिश्वत मांगी थी तो उक्त तहसीलदार को विभागीय कार्यवाही शुरू कर ससपेंड किया जाए | परन्तु अगर वसीका नवीस ने तहसीलदार पर झूठा इलज़ाम लगाया है तो उसके खिलाफ बनती क़ानूनी कार्यवाही करके ज़िला प्रशासन की साख को बचाया जाए |