दरभंगा : मिथिला के युवाओं में स्वसंकल्प से मांगरूपी दहेज़ का बहिष्कार करने तथा समाज को पूर्ण दहेज़ मुक्त बनाने के लिए तैयार रहने के आह्वान के साथ मैराथन धावक आर के दीपक ने बिरौल से दरभंगा तक लगभग 60 किलोमीटर दौड़ लगाया है। कुशेश्वर स्थान से दरभंगा की मुख्य सड़क मार्ग पर जे के कॉलेज बिरौल से विश्वविद्यालय गेट तक लगायी गई इस दौड़ का आयोजन दहेज़ मुक्त मिथिला का नारा दहेज भगाउ बेटी बचाउ को जनमानस तक जनजागृति के लिए लगाई ऐसा मुख्य धावक आर के दीपक ने जानकारी दी।
इस दौड़ का औपचारिक उद्घाटन बिरौल अनुमण्डल के एसडीएम मो. सफीक तथा बीडीओ रजत कुमार सिंह के द्वारा हरी झण्डी दिखाकर की गई। आयोजक संस्था दहेज़ मुक्त मिथिला के अंतरराष्ट्रीय संयोजक प्रवीण नारायण चौधरी, नवटोल मुखिया पति एवम् संचारकर्मी सन्तोष कुमार मिश्र, धावक के वयोवृद्ध पितामह राम सिंहासन मंडल एवम् विभिन्न अन्य गणमान्य व्यक्तित्वों तथा दहेज मुक्त मिथिला के पदाधिकारी व् धावकों की थी।
धावन मार्ग में विभिन्न चौक चौराहों पर नुक्कड़ सभा, नारा तथा विचार गोष्ठी के माध्यम से इस दौड़ का विषय पर चर्चा की गई। कहा गया कि सामाजिक एकजुटता से इस रोग का निदान सम्भव है, जैसे तीन संझू बारात भोजन में कटौती कर एक संझू बना दिया गया। लोगों से दहेज़ मुक्त मिथिला के लिए सभी जाति, धर्म, वर्ग और समुदाय के लोगों से एक निगरानी परिषद् गठन कर दहेज़ लोभियों पर नजर रखने को कहा गया, साथ ही दहेज मुक्त विवाह करनेवालों का सामूहिक यशगान करने का अपील किया गया।
धावकों के साथ कई लोगों ने दौड़ लगाई जिसमे 7 वर्ष के बच्चे से लेकर 95 वर्ष के बूढ़े बुजुर्ग भी जगह जगह शामिल हुए। आर के दीपक के साथ दौड़ लगानेवालों में आशीष कुमार मनीष, तुषार कुमार, केके जुगनू, उषा जुगनू, रूबी दीपक, रंजीत कुमार, जयराम यादव यदुवंशी, मनोज शर्मा, कुणाल ठाकुर, विक्रांत कुमार अंकित राय, दिलीप झा, निशा भारती, मनीषा भारती, कविता कुमारी, कल्पना कुमारी, जयदीप कुमार, कुलदीप कुमार, सोनू कुमार, भवानी भारती, नवीन झा, बैजू मण्डल, और प्रवीण नारायण चौधरी थे।
मिथिला विश्वविद्यालय के चौरङ्गी पर करीब 12 बजे पहुँच दौड़ को समाप्त किया गया। इस अवसर एक समापन सभा में धावक दीपक सहित अन्य अभियानियों को फूल का माला पहनाकर वरिष्ठ समाजसेवी मुरारी मोहन झा एवम् सचिन राय ने सम्मानित किया। समापन सभा में सुनीता देवी के द्वारा भैरवी वन्दना तथा दहेज प्रथा के विरोध करते गीत प्रस्तुत की गई, वहीं वादक सह गायक पारस पंकज ने नारी जागृति तथा मिथिला माहात्म्य गीत प्रस्तुत किया गया। साहित्यकार एवम् वरिष्ठ संचारकर्मी मणिकांत झा ने धावक और आगन्तुक अभियानियों के प्रयासों की सराहना करते एक चुमाओन गीत गाकर सभी दर्शकों को मन्त्रमुग्ध कर दिया। अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापन संस्था के महासचिव कुणाल ठाकुर एवम् अंतर्राष्ट्रीय संयोजक प्रवीण नारायण चौधरी द्वारा मिथिला नगरिया की जयगान करते हुए की। सभा का संचालन भी कुणाल ठाकुर ने ही की।