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बिहार :: भ्रष्ट प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी का पर्दाफास।

दरभंगा (हनुमाननगर प्रखन्ड) –  जी हां ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है, जो सरकार के बड़े-बड़े दाबों की पोल खोलता हैं। वहीं इस घटना से खोखली प्रशासनिक व्यवस्था की भी घिनौनी तस्वीर सामने आती हैं।

घटना दिनांक 08 जून 2017 की हैं, जब बिहार से दरभंगा जिले के हनुमाननगर प्रखंड के मोरो पंचायत में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी अरूण कुमार लाल ने किसी ग्रामीण या जन प्रतिनिधि के संज्ञान के बिना ही असंवैद्यानिक तौर पर डीलर मंगल चौधरी के दुकान से सील तोड़ कर अनाज लाद कर फरार होने का प्रयास किया।

ज्ञात हो की विगत कुछ दिनों पहले ही दिनांक 27 जून 17 को एक अनाज से लदी गाड़ी को मोरो थाना द्वारा पकड़ा गया, जिसे कालाबाजारी के तहत बेचा जाना था। जिसका थाना कान्ड संख्या – 26/17 है। जिसके बाद शक के आधार पर डीलर मंगल चौधरी के दुकान को सील कर दिया गया था। ग्रामीणों में चर्चा यह भी है की अरूण कुमार लाल ने डीलर मंगल चौधरी से डरा धकमाकर नगद 30 हजार रूपये भी घूस में वसूलें।

सूत्रों की मानें तो जब्त गाड़ी में कुल 51 अनाज के बोड़े थे, मगर वहीं प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ने अपनी रिर्पोट में केवल 30 बोड़े ही लिखे और बाकि को कालाबाजारी के तहत बेचने का घिनौना कार्य किया।

ग्रामीणों की मानें तो प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी अरूण कुमार लाल दिनांक 07 जूलाई 2017 को रात्री के लगभग 2 बजे एक पिक में अनाज सहित दुकान का 30 हजार नगद रूपया और लगभग 40 से 50 राशन कार्ड लेकर फरार होने में भी सफल रहा। अगले सुबह जब बिना किसी और सरकारी आदेश के जब अरूण कुमार लाल गाड़ी संख्या BR7G-4867 पर चुपके से अनाज लाद रहा था, तभी ग्रामीणों को समझ आ गया कि ये वहीं गाड़ी जो रात्र को आई थी और दुकान की हालत देखकर समझते देर नहीं लगी कि नगद और अनाज अरूण कुमार लाल लेकर फरार होने में सफल रहा।

इन सारी घटना को देख ग्रामीण एवं जन प्रतिनिधियों के द्वारा अरूण कुमार लाल से दुकन का सील खोने हेतु आदेश के कागजात मांगने पर प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी अरूण कुमार लाल ने उन्हें भी जेल भेजने की धमकी दे डाली, यहां पर एक कहावत सटिक बैठती हैं कि चोरी और सीना जोड़ी।

जब अरूण कुमार लाल किसी भी प्रकार का आदेश दिखाने में असमर्थ रहें तब ग्रामीणों ने उसे दुकान के अंदर बंद कर दिया और थाना को इस बात की जानकारी दी। मोरो थाना के आने के बाद थाना के बीच-बचाव से अरूण कुमार लाल को सुरक्षित थाने ले जाया गया और ग्रामीणों ने इस पूरी घटना की सूचना थाना को लिखित दिया।

सूत्रों की माने तो अरूण कुमार लाल के राजनीतिक संबंध अच्छे हैं, जिस वजह से वे भोले-भाले ग्रामीणों और डीलरों पर रौब झाड़ता रहता है और कालाबाजरी के कार्यों को अंजाम देने के बाद भी उस पर कोई कार्यवाही नहीं होती हैं। अरूण कुमार लाल प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी का प्रभार लिये एक साल भी नहीं हुआ और भ्रष्टाचार के मामले में पेपर की सुर्खियों में छायें रहते है।

गौरतलब है अरूण कुमार लाल के लिए ये कोई पहला मामला नहीं है, जब वो किसी असंवैद्यानिक कार्य को किया हैं। इससे पहले भी अरूण कुमार लाल के द्वारा जब्त मिट्टी तेल कालाबाजारी का मामला सामने आया था। अंचलाधिकारी हनुमाननगर के द्वारा जब्त किरासन तेल को जब अरूण कुमार लाल ने 10 हजार लिटर जब्त मीट्टी तेल नरसरा पंचायत के डीलर पंकज कुमार को आवंटित कर दिया आंकरों के अनुसार जन वितरण प्रणाली विक्रेता पंकज कुमार का कुल मिसिक खपत 800 उपभोक्ताओं में कुल 1920 लीटर किरासन तेल का है।

वहीं पुरे मामले की जानकारी लेने के लिए जब कई बार पत्रकारों ने प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी (हनुमान नगर प्रखंड) अरूण कुमार लाल से सर्म्पक उनके सरकारी दुरभाष सं0 – 8544425615 पर करनें का प्रयास किया तब उनका उक्त फोन बंद पाया।

 

मामला साफ हैं कि जिसकी खपत 1920 लिटर हैं, तो बाकि के 8080 लिटर तेल कहां बेचा?उक्त मामले की लिखित शिकायत ग्रामीणों मोरो थाना को तो दे दी हैं, मगर इस बार भी किसी कार्यवाही की उम्मीद आमजनों को पूर्व के तरह ही नहीं हैं।विचारणीय हैं की :-

1. अरूण कुमार लाल का पहले भी किरासन तेल की कालाबाजारी का मामला संज्ञान में आया था।

2. अरूण कुमार लाल ने जब्त अनाज के 51 बोरों में 30 बोरे का रिर्पोट बनाया।

3. अरूण कुमार लाल ने डीलर से घूस लियें।

4. अरूण कुमार लाल ने असंवैद्यानिक तौर पर बिना किसी जांच के या सरकारी कागजात के सबूतों के साथ छेड़-छार किया।

5. मध्य रात्री में अनाज एवं नगद लेकर फरार हुआ।

कुल मिलाकर अब देखने की बात यह हैं कि अब भी अरूण कुमार लाल पर कार्यवाही होती है या नहीं। अगर कार्यवाही नहीं होती है तो मामला साफ हैं कि ये पूरा मामला नीचे से ऊपर सभी भ्रष्ट पदाधिकारियों की मिली भगत के बिना संभव नहीं हैं।जन वितरण प्रणाली के कालाबाजारी के शुरूआत डीलर से प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी फिर ए.डी.एस.ओ. फिर डी.एस.ओ. फिर एस.डी.ओ. फिर डीएम और खाद्यय आपूर्ति मंत्री पर खत्म होता हैं।ये बात कहना मुश्किल है की आखिर भ्रष्टाचार की गंदगी कहां तक फैली हैं और इस घ्रिनित कार्य में कौन-कौन सम्मिलित हैं।

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