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नई दिल्ली :: ‘पश्चिम बंगाल के वर्तमान परिदृश्य’ पर प्रवासी बंगीय समाज की हुई बैठक

नई दिल्ली (दिवाकर) : प्रवासी बंगीय समाज दिल्ली प्रवासी बंगालियों का एक संगठन है जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के आदर्श और मार्गदर्शन में चल रहा है। यह बैठक पश्चिम बंगाल के वर्तमान परिदृश्य पर विश्व हिंदू परिषद, दिल्ली कार्यालय में 15 जुलाई को बैठक की। मुख्य अतिथि के रूप में अद्वैतचरण दत्ता और सुनीलपद गोस्वामी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य, क्षेत्रीय प्रचारक प्रदीप जोशी और उत्तर बंगाल प्रान्त प्रचारक जलधर माहतो रहे। यह बैठक में सौ से अधिक बंगाली चिंतक के साथ की गई ।

पहले, सुनीलपद गोस्वामी ने पश्चिम बंगाल के वर्तमान परिदृश्य पर अपना भाषण दिया उन्होंने कहा कि संस्कृति, भाषा, धर्म आदि जैसे हर तरफ से पश्चिम बंगाल की मौजूदा सरकार लगातार नष्ट कर रही है। इतना ही नहीं, सरकार ने हमारे इतिहास को भी संशोधित कर दिया है जैसे हम में से ज्यादातर डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के बारे में नहीं जानते जो पश्चिम बंगाल के निर्माता थे। इस सब के साथ अब सरकार हमारे पश्चिम बंगाल का नाम बंगाल के नाम पर बदलने की कोशिश कर रही है। हमें इन सभी प्रकार की उपद्रव क्यों स्वीकार करनी चाहिए? हमें राज्य सरकार के इस प्रकार के पागलपन के खिलाफ विरोध करना चाहिए।

“अब पश्चिम बंगाल में हिंदुओं की स्थिति गंभीर संकट में है। दो साल से हम वहां पर कुछ सांप्रदायिक मुद्दों का सामना कर रहे हैं, आखिर में बशीरहाट-बदुरिया जैसे सांप्रदायिक संघर्ष भी हुए। कई मंदिरों ध्वस्त कर दिया गया और हिन्दू लोगों को इस संघर्ष में काफी हानि पहुंचा। इसलिए अब जितनी जल्दी हो सके दिल्ली में एकजुट होने का समय आ गया है और हमें अपने प्यारे मातृभूमि के इस वर्तमान परिदृश्य के खिलाफ भारी विरोध करना होगा” सुनीलपद गोस्वामी ने अपने भाषण में कहा।

प्रवासी बंगाली चिंतक के साथ अपनी चर्चा में अद्वैतचरण दत्ता ने कहा कि हिंदू लोगों को खुद के लिए  आक्रामक होना पड़ेगा। जो पूरे भारत में फैला हुआ होगा और हमें अपने पश्चिम बंगाल को बचाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। पिछले साल से हमारी संस्कृति पर कईबार हमला हुए। जैसेे स्कूलों में हमारी स्वरस्वती माता की पूजा नवी दिवस की वजह से जबरदस्ती बन्ध करवाई गई और  कुछ दुर्गा पूजा को मुहर्रम के कारण बंद कर दिया गया था। हमें हमारी संस्कृति को इस तरह से रोकना और हमारी भाषा को बदलना यह किस तरह की न्याय है? 

उन्होंने यह भी कहा कि बशीरहाट-बदुरिया सांप्रदायिक संघर्ष एक नियोजित तरीके से किया गया था। राज्य सरकार अपने प्रशासन को संचालन और प्रबंधन करने सम्पूर्ण असफल रहा। सीमावर्ती इलाकों में हमारे हिंदू मा-बेहेन लगातार मुसलमानों द्वारा अत्याचार हो रहे हैं। “मुझे यह कहना चाहिए कि राज्य सरकार को उन अपराधियों के खिलाफ तत्काल कुछ कठोर कार्रवाई करनी होगी जो हमारे प्यार मातृभूमि को बर्बाद करना चाहते हैं” अद्वैतचरण दत्ता ने कहा। फिरहाद हाकिम को बंगाल के सुप्रशिद्ध तारकेश्वर मंदिर के अध्यक्ष के रूप में बनाने की उन्होंने कड़ी निंदा की। “बंगाल में यह क्या हो रहा है कि एक मुस्लिम व्यक्ति एक मंदिर का उच्चपद पर बैठा है” अद्वैतचरण दत्ता ने बताया।

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