प्रसिद्ध लेखक शंकर झा की कलम से : मिथिला का अप्रतिम, वैदिक वांग्मय के फलक पर कई देदीप्यमान सितारे प्राच्य काल से अपनी चमक के बल पर चमत्कृत करते आए है. इसी क्रम में एक और रवि समान भासमान सितारा का आर्विभाव दसवी सदी (वर्ष 984 ई. में) में समस्तीपुर के करियन …
Read More »Monthly Archives: August 2022
श्रीधर दास – चाणक्य की भूमिका में
शंकर झा की कलम से : मिथिला जिसे प्राच्य इतिहास काल में विदेह व तिरहुत के नाम से भी जाना जाता था, उसका सामाजिक व सांस्कृतिक विकास सूर्यवंशीय क्षत्रिय इक्ष्वाकुवंशीय ( जनक वंशीय) शासन काल के लम्बी अवधि के बाद कर्णाट वंशीय शासन काल में सर्वाधिक हुआ, विकास का चरोत्कर्ष प्राप्त …
Read More »विद्यापति जैसे महान् भाषाविद् और विद्वान द्वारा वरिष्ठ मैथिल रचनाकारों का पूर्ण सम्मान
डेस्क : विद्यापति संस्कृत विद्वान के परिवार में जन्म लिए थे तथा खुद भी संस्कृत के बड़े विद्वान थे। संस्कृत पर अच्छी पकड़ के कारण संस्कृत में कई ग्रंथों तथा नाटकों की रचनाएँ किए। विद्यापति काल (1350 ई. से 1450 ई.) जो भारतीय इतिहास का “मध्ययुगीन काल” खण्ड था, वह …
Read More »