यूपी:शस्त्र लाइसेंस का इंतजार कर रहे 80 हजार आवेदकों को राहत
राज प्रताप सिंह,ब्यूरो लखनऊ
लखनऊ।शस्त्र लाइसेंस से रोक हट जाने के बाद उन लोगो की आस जगी है जिन्होंने आवेदन कर रखा है। जिला कलेक्ट्रेट के शस्त्र अनुभाग में मौजूदा समय आवेदनों की संख्या 1.57 लाख के ऊपर पहुंच चुकी है। इनमें से 80 हजार ऐसे हैं जिनके कागजात आदि सही पाए गए हैं। यानी ऐसे आवेदन स्वीकार किए जा सकते हैं। क्योंकि शस्त्र लाइसेंस सिर्फ सशर्त जारी किए जा रहे थे इसलिए इन आवेदनों पर विचार नहीं किया जा रहा था।
इन आवेदनों में पिस्तौल से लेकर बंदूक, रिपीटर आदि शामिल हैं। इन आवेदकों में कई अधिसंख्य ऐसे थे जिनको जान से मारने की धमकी मिल चुकी थी लेकिन हमला नहीं हुआ था।
ऐसे में उनका लाइसेंस बन नहीं सकता था। कलेक्ट्रेट के कक्ष संख्या 38 में असलहा अनुभाग है। एक अधिकारी के अनुसार यहां रोजाना 30 से 35 लाइसेंस के नए आवेदन आ रहे हैं। इन आवेदनों में इक्का-दुक्का वरासत के होते हैं। वरासत पर क्योंकि रोक नहीं थी इसलिए उनके लाइसेंस बन जा रहे थे। वर्ष 2015-16 के दौरान 119 शस्त्र लाइसेंस बने थे जिनमें अधिसंख्य वरासत के थे और कुछ ऐसे थे जिन पर जानलेवा हमला हो चुका था। वर्ष 2016-17 के दौरान 40 से भी कम शस्त्र लाइसेंस बनाए गए। वर्ष 2018-19 के बीच अब तक गिने चुने वरासत के लाइसेंस ही बने हैं। जिन पर जानलेवा हमला हुआ उनके आवेदनों पर जांच जारी है।
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शस्त्र दुकानदारों को मिली संजीवनी
शस्त्र लाइसेंसों पर रोक लगी होने के कारण सबसे ज्यादा नुकसान दुकानदारों को हो रहा था। इंडिया आर्म्स कॉर्पोरेशन के अमन सरना की लखनऊ में पांच शस्त्र दुकानें हैं। अमन ने बताया कि चार दुकानों में रोक के दौरान बिक्री न के बराबर पहुंच चुकी थी। हालत यह थी कि कर्मचारियों की तनख्वाह और बिजली का बिल जमा करने में पसीने छूट रहे थे। इस फैसले से शस्त्र कारोबार से जुड़े लोगों को बड़ी राहत मिली है।