सिर से लेकर पैर तक के रोगों की इलाज की दवा है नीम. इसके साथ ही यह घर में कीड़े-मकोड़ों से भी रक्षा करता है.
नीम के कुछ असरदार उपाय इस प्रकार हैं.
- नीम के पत्ते डालकर उबाले गए पानी से स्नान करने से चर्मरोग, फोड़े-फुंसी, खाज-खुजली मिट जाती है.
- पेट में दर्द होने पर 10 ग्राम नीम के बीज, 10 ग्राम सोंठ, 10 ग्राम तुलसी की पत्तियां तथा 8-10 काली मिर्च मिलाकर गाढ़ी चटनी बनाकर थोड़ी-थोड़ी देर में रोगी को चटाएं. अवश्य फ़ायदा होगा
- भोजन न पचने के कारण खट्टी डकारें, सिरदर्द, जी मिचलाना और कभी-कभी बुखार की शिकायत भी हो जाती है. ऐसे में निम्बोली खाने से पेट के उपर्युक्त तकलीफें ठीक हो जाती हैं.
- रोज़ सुबह नीम की दातून करने से दांत मजबूत और चमकदार बनते हैं व पायरिया की शिकायत भी नहीं होती.
- नीम का तेल प्रतिदिन सिर पर लगाने से जुएं और लीखें ख़त्म हो जाती हैं.
फोड़ा यदि पककर फूट गया हो, तो नीम के पत्तों को पीसकर उसकी लुगदी फोड़े पर बांधने से आराम मिलता है. - पायरिया तथा मसूड़ों से ख़ून निकलने की समस्या हो तो नीम का तेल फ़ायदेमंद होता है. ऐसे में नियमित रूप से मसूड़ों पर इसकी मालिश करनी चाहिए.
- 10 बूंद नीम का तेल पान पर लगाकर खाने से दमा व खांसी में फ़ायदा होता है.
- यदि उल्टी हो रही हो तो 25 ग्राम नीम की पत्तियां पीस लें. इसमें 5-6 दानें काली मिर्च मिलाकर आधा कप पानी में घोलकर एक बार पी लें. उल्टी रुक जाएगी
- नीम की पत्तियों का रस निकालकर रुई के फाहे को भिगोएं और आंखों पर रखें. आंखों की जलन और लालिमा दूर हो जाएगी.
- यदि आंखों में सूजन व खुजली हो, तो नीम की 15-20 पत्तियों को पानी में उबालें. फिर उसमें 5 ग्राम फिटकरी घोल कर छान लें. साफ़ रुई द्वारा इस पानी से आंखें धोएं. दो-तीन बार ऐसा करने से सूजन और खुजली समाप्त हो जाती है.
- गाय के दूध में नीम का तेल मिलाकर पीने से प्रदर रोग में बहुत फ़ायदा होता है.
- नीम के बीज को पानी में भिगोकर व पीसकर तथा पोटली बनाकर योनि पर रखने से योनि का दर्द समाप्त हो जाता है.
- नीम की पत्तियों को पीसकर हाथ-पैरों पर लेप करने से जलन शांत होती है.
- मलेरिया में नीम के रस का काढ़ा सर्वोत्तम दवा है. 50 ग्राम नीम के पत्ते को 4-5 काली मिर्च मिलाकर पीसें. इसे गर्म पानी में घोलकर पिलाएं. मलेरिया ठीक हो जाएगा.
- नीम की पत्तियों के रस में शहद मिलाकर चाटने से पेट के कीड़े मर जाते हैं. शहद की जगह हींग भी मिला सकते हैं.
- नकसीर फूटती हो तो नीम की छाल को पानी में पीसकर गाढ़ा लेप बनाएं. इस लेप को माथे पर लगाने से नकसीर से राहत मिलती है.
- खसरा होने पर नीम की कच्ची कोपलें तथा काली मिर्च बराबर मात्रा में पीसकर प्रतिदिन खाएं. खसरा सूखने पर नीम के पानी से नहलाएं तथा नीम का ही तेल लगाएं.
- शरीर में अम्लपित्त की वजह से कई विकार पैदा हो जाते हैं. ऐसे में नीम की छाल, सोंठ और काली मिर्च बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनाएं. 20 ग्राम चूर्ण रोज़ सवेरे ताज़े पानी के साथ लेने से अम्लपित्त की शिकायत दूर हो जाती है.