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“भारतीय संविधान :: सिविल लिबर्टी और विकास” विषय पर राजनीति विज्ञान विभाग में संगोष्ठी आयोजित

सौरभ शेखर श्रीवास्तव की ब्यूरो रिपोर्ट दरभंगा। ल.ना.मि.वि. दरभंगा के राजनीति विज्ञान विभाग में संविधान दिवस के अवसर पर “भारतीय संविधानः सिविल लिबर्टी और विकास” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन विभागाध्यक्ष प्रो. मुनेश्वर यादव की अध्यक्षता में किया गया।

 

 

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विभागाध्यक्ष प्रो. मुनेश्वर यादव ने कहा कि भारतीय संविधान भारत का भविष्य निर्माता है। इस अवसर पर उन्होंने संविधानिक मूल्य के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को रेखांकित किया। प्रो. मुनेश्वर यादव ने संविधान सभा में संविधान के निर्माण के संदर्भ में एम. एन. रॉय के विचारों पर प्रकाश डाला और उनके योगदान को रेखांकित करते हुए उन्होंने भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया।

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बतौर मुख्य अतिथि सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. प्रभाष चंद्र मिश्रा ने संविधान की रक्षा और उसके पालन को देश की एकता और विकास के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि यह बुद्ध की धरती है। लोकतंत्र की जननी है, जहां के लोग न्याय प्रिय प्रगतिशील और राष्ट्र की रक्षा के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ न्योछावर करने को तत्पर रहते हैं। भारतीय संविधान उन आदर्शों और मूल्यों को समाहित करता है, जिनका सपना हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने देखा। संविधान की रक्षा और उसके पालन को देश की एकता और विकास के लिए अनिवार्य बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संविधान हमारे अधिकारों का संरक्षक और कर्तव्यों का मार्गदर्शक है।

 

 

बतौर विशिष्ट अतिथि मैथिली शोध संस्थान के निदेशक डॉ. सुरेंद्र कुमार सुमन ने कहा कि भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लोकतांत्रिक संविधान है। इसके निर्माण कल से वर्तमान समय तक अपने समक्ष उत्पन्न अनेक चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है। हमें संविधान की रक्षा करने को तत्पर होना चाहिए क्योंकि संविधान ही हमारा भविष्य है। भारत को “विविधता में एकता” की मिसाल बताते हुए कहा कि इस पहचान को संरक्षित रखना भारतीय संविधान का मुख्य उ‌द्देश्य है।

 

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बतौर वक्ता डॉ. मनोज कुमार ने भारतीय संविधान को “एक दर्पण” की संज्ञा दी, जो 140 करोड़ भारतीय नागरिकों और पूरे समाज के लिए मार्गदर्शन का काम करता है, जो 140 करोड़ भारतीयों के आकांक्षाओं का दर्पण है। इसकी महत्वपूर्ण विशेषता सकारात्मक प्रावधान संविधान सभा अपने अनेक समितियां के माध्यम से कार्य कर विश्व में अनूठा संविधान का निर्माण किया। डॉ. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने प्रारूप समिति के अध्यक्ष के तौर पर लगातार कठिन मेहनत का संवाद स्थापित कर आम समिति से संविधान का निर्माण किया जो सभी भारतीयों की तरक्की के लिए बनाया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. सोनू राम शंकर के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने संविधान को हमारे पूर्वजों द्वारा दी गई एक अमूल्य धरोहर बताते हुए संविधान के महत्व को रेखांकित किया, जो भारत की जनता की आकांक्षाओं को साकार करने का माध्यम है।

कार्यक्रम में मंच संचालन विभागीय शिक्षक रघुवीर कुमार रंजन ने किया। इस अवसर पर पूर्व में आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर अंग्रेजी विभाग की निशा कुमारी, द्वितीय स्थान पर राजनीति विज्ञान विभाग के श्याम यादव एवं अंग्रेजी विभाग की भारती कुमारी एवं तृतीय स्थान पर अंग्रेजी विभाग की पूजा कुमारी को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया साथ ही इस कार्यक्रम में रश्मि कुमारी ने संबोधित किया। धन्यवाद ज्ञापन रिसर्च स्कॉलर जितेंद्र कुमार ने किया कार्यक्रम में विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान एवं अन्य विभाग के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में अनेक छात्रों, शोधार्थियों और प्राध्यापकों ने हिस्सा लिया।

 

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