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डब्लू हत्याकांड :: अभियुक्तों की गिरफ्तारी में पुलिस नाकाम, परिजनों को मिल रही जान से मारने की धमकी

PicsArt_02-10-11.13.45-640x640दरभंगा : लहेरियासराय थाना क्षेत्र के मदारपुर में पहली जनवरी को मारपीट कर डब्लू की हत्या कर देने के मामले में पुलिस की लापरवाही साफ दिख रही है ।घटना के लगभग एक महीने बाद प्राथमिकी दर्ज हुई। प्राथमिकी दर्ज होने के 48 घंटे बीत चुके हैं लेकिन डब्लू हत्याकांड के अभियुक्तों को गिरफ्त में लेने में पुलिस अबतक नाकाम साबित हो रही है। इधर मृतक के परिजनों को जान से मारने की धमकी मिल रही है।परिजनों का कहना है कि प्राथमिकी में दर्ज नामजद अभियुक्तों के द्वारा बार बार धमकी दी जा रही है कि केस वापस लो नहीं तो जान से मार दिये जाओगे।

पीड़ित परिजनों का कहना है कि प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कई बार थाने के चक्कर लगाने पड़े लेकिन हर बार पुलिस बहाने बनाती रही। लेकिन जब पीएमसीएच से फर्द बयान की प्रति थाने को भेजी गई और मीडिया का दबाव जब प्रशासन पर बनने लगा तब जाकर लगभग एक महीने बाद विगत 7 फरवरी को लहेरियासराय थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और घटनास्थल का जायजा लिया व गवाहों के बयान की विडियो रिकार्डिंग की। लेकिन इसके बाद फिर पुलिस शांत नजर आ रही है। प्राथमिकी में नामजद अभियुक्त शहर में खुलेआम घूम रहे हैं और पीड़ित परिजनों को जान से मारने की धमकी भी दे रहें हैं लेकिन अबतक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं जो कई सवाल खड़े कर रही है-

• घटना के बाद प्राथमिकी दर्ज न करना ?

• एक महीने बाद प्राथमिकी दर्ज करना ?

• प्राथमिकी दर्ज होने के लगभग 48 घंटे बीत जाने के बाद भी नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी न होना ?

यह सारे सवाल इस घटना के पीछे बड़ी साजिश होने की ओर इशारा करती है।

डाक्टर की मनमानी

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एक जनवरी की रात जब जख्मी को डीएमसीएच इमरजेंसी विभाग में भर्ती करने परिजन पहुंचे तो उस समय ड्यूटी पर तैनात डाक्टर व कर्मचारियों ने भर्ती नहीं की। लगभग एक घंटा के बाद परिजनों द्वारा बार बार निवेदन करने पर जख्मी को भर्ती किया गया। उसके बाद देर रात जख्मी को पीएमसीएच रेफर कर दिया गया जहां लगभग एक हफ्ते बाद डब्लू की मौत हो गई।

PicsArt_02-10-04.30.56-300x200वाकई अगर चिकित्सक ससमय जख्मी को भर्ती कर इलाज शुरू कर देते तो शायद आज डब्लू अपने परिजनों के बीच होता।

ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक व डीएमसीएच कर्मचारी शक के घेरे में

सवाल यह भी उठता है कि बिना पुलिस बुलाये और बिना प्राथमिकी दर्ज करवाये डाक्टर ने देर से ही लेकिन इलाज कैसे शुरू कर दिया ? प्राथमिकी दर्ज न करवाना, पुलिस को बुलाये बिना इलाज शुरू करना व इमरजेंसी में जख्मी को तुरंत भर्ती नहीं करना डीएमसीएच में ड्यूटी पर तैनात डाक्टर को भी शक के दायरे में ले रही है कि हमलावर शायद डाक्टर के करीबी थे जिनको बचाने के प्रयास में डाक्टर अपनी ड्यूटी भूल रहे थे ।

भूमि विवाद में हुई हत्या

परिजनों की मानें तो डब्लू की हत्या भूमि विवाद में की गई है।मृतक के घरेलू जमीन के कुछ हिस्सों को लेकर करीब एक दशक से विवाद चल रहा था और मौके पर कई बार पुलिस भी पूर्व में आ चुकी है। बार बार भूमि विवाद को लेकर डब्लू के परिजनों द्वारा लिखित शिकायत व किसी अनहोनी की आशंका को लेकर थाने व आला अधिकारियों को पूर्व में आवेदन भी दिया गया था लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और अंत में जिस अनहोनी की आशंका थी वो डब्लू श्रीवास्तव की साजिश के तहत मारपीट कर हत्या कर देने के रूप में सामने आया।

PicsArt_02-10-04.34.04-200x150डाक्टर की मनमानी और पुलिस की लापरवाही के मद्देनजर डब्लू हत्याकांड के पीछे किसी बड़े चेहरे के होने से कतई इंकार नहीं किया जा सकता। वो चेहरा सामने तब ही आ पायेगा जब पुलिस हरकत में आकर नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे करे और इस हत्याकांड के साजिश का पर्दाफाश कर शातिरों को बेनकाब करे।

लहेरियासराय थाना प्रभारी डीएन मंडल ने कहा कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है व सभी बिंदुओं पर पुलिस की जांच भी चल रही है। उन्होंने भरोसा जताया है कि बहुत जल्द ही हत्याभियुक्तों की गिरफ्तारी होगी व इस हत्याकांड से पर्दा उठेगा।

क्या है पूरा मामला

मदारपुर निवासी रामचंद्र प्रसाद के पुत्र मनीष कुमार उर्फ डब्लू श्रीवास्तव का विगत 1 जनवरी को कुछ युवकों के साथ स्थानीय चौक पर देर रात मारपीट हो गई थी। images-200x150 कई लोगों ने मिलकर उसे बांस बल्ला से पीटकर अधमरा कर दिया था। मारपीट करने वाले को स्थानीय लोगों ने देखने के बाद भी रोकने की हिम्मत नहीं की । बताया जाता है की घटना में शामिल लोग अपराधी प्रवृत्ति के थे इसलिए न तो कोई बचाने गया और ना ही डर से इसकी सूचना पुलिस को दी । बाद में डब्लू को गंभीर स्थिति में डीएमसीएच में भर्ती कराया गया लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं होने की स्थिति में उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया गया। बावजूद उसे होश नहीं आया इलाज के दौरान ही उसकी मौत पीएमसीएच में हो गई लेकिन उसकी मौत से पहले ही पीएमसीएच पुलिस ने फर्द बयान ले लिया था। दरभंगा पुलिस को फर्द बयान नहीं मिलने के कारण मृतक के परिजन एक माह से परेशान बने हुए थे। इस दौरान परिवार के लोगों ने कई बार पुलिस कार्यालय का भी चक्कर लगाया था। बीते मंगलवार को लहेरियासराय पुलिस ने पीएमसीएच में दिए गए फर्द बयान के आधार पर मारपीट कर हत्या के आरोप में चार लोगों के विरोध नामजद प्राथमिकी दर्ज की। पुलिस ने घटनास्थल का जायजा भी लिया कई लोगों से पूछताछ भी की गई । इस दौरान घटना से संबंधित दिए गए बयान को पुलिस ने वीडियो रिकॉर्डिंग भी की । मामला दर्ज होने के साथ ही पुलिस ने नामजद अभियुक्त की तलाशी में छापेमारी शुरू कर दी है । डब्लू की हत्या मामले में मोगलपुरा निवासी शुभम बाड़ी, प्रदीप बाड़ी, नाका नंबर 5 के मोहम्मद प्यारे सहित मदारपुर के रामपरी देवी को नामजद किया गया है।

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