दिल्ली【संजय कुमार मुनचुन】:-देश की राजधानी दिल्ली में मासूम बच्चों को बंधक बनाकर उनसे जबरन काम करवाने का अवैध धंधा रुकने का नाम ही नहीं ले रहा दिल्ली से बालश्रम का एक नया मामला तब सामने आया जब फैक्ट्री से जान बचाकर भागे तीन बच्चे एक राहगीर की मदद से एक NGO तक जा पहुंचे
जानकारी के मुताबिक तीनों बच्चों से जहांगीरपुरी में एक फैक्ट्री में बंधक बनाकर जबरन काम करवाया जाता था जहांगीरपुरी थाना पुलिस और NGO पूरे मामले की जांच कर रहा है बच्चे जब भागकर एनजीओ के पास पहुंचे तो उनका स्वास्थ्य काफी खराब था
इन मासूम बच्चों से कई कई घण्टे मजदूरी कराई जाती थी एक ही जगह घण्टों बैठे रहकर लगातार काम करने की वजह से इनके हाथ पैर इतने अकड़ चुके हैं कि ठीक से सीधे भी नहीं हो पा रहे तीनों मासूम एनीमिया के भी शिकार हैं डॉक्टरों के मुताबिक उनके शरीह में खून की इतनी कमी हो चुकी है कि रिकवरी में काफी समय लग सकता है
पुलिस ने बताया कि तीनों की उम्र 9 से 12 साल के बीच है तीनों जहांगीरपुरी के D ब्लॉक में चूड़ी बनाने की एक फैक्ट्री में काम करते थे और एक दिन मौका पाकर छत के रास्ते भाग निकले एक राहगीर से उन्होंने मदद मांगी राहगीर ने बच्चों की मदद के लिए प्रयास NGO को फोन किया
सूचना मिलते ही एनजीओ तीनों मासूमों को अपने साथ अपने प्रयास चिल्ड्रन होम ले गई और जहांगीरपुरी पुलिस को सूचना दी पुलिस और एनजीओ ने तीनों मासूमों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया इलाज के बाद तीनों को अब चिल्ड्रन होम के क्लिनिक रूम में रखा गया है
जानकारी के मुताबिक तीनों बच्चे बिहार के रहने वाले हैं उन्हें मजदूरी के नाम पर महज 2000 रुपये महीना मेहनताना मिलता था लेकिन अभी ये भी साफ नहीं है कि वो पैसा इनके माता पिता को दिया जाता था या फिर जो उन्हें बिहार से यहां लेकर आने वाले दलाल को
बता दें कि 14 साल से कम उम्र के बच्चों से मजदूरी करवाना कानूनन अपराध है और इसके लिए कड़े कानूनबनाए गए हैं इसके बावजूद देश की राजधानी से आए दिन बालश्रम के वाकये सामने आते रहते हैं NGO प्रयास के मुताबिक अब भी जहांगीरपुरी इलाके में 1000 से ज्यादा चाइल्ड लेबर काम कर रहे हैं
एनजीओ का कहना है कि इसकी वजह दिल्ली पुलिस द्वारा बालश्रम करवाने वाले फैक्ट्री के मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई न करना है मासूमों ने बताया कि फैक्ट्री में उनके इलावा चार और बच्चे काम करते हैं लेकिन जब एनजीओ के साथ पुलिस फैक्ट्री पहुंची तो फैक्ट्री मालिक ने चारों बच्चों को वहां से गायब कर दिया था और खुद भी फैक्ट्री बंद कर फरार हो चुका था
फिलहाल इस मामले के सामने आने के बाद तीनों बच्चों को CWC में पेश किया गया SDM मॉडल टाउन वीरेन्द्र सिंह और जहांगीरपुरी थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है बिहार के DCP को भी इसकी जानकारी दे दी गई है ताकि तीनों मासूमों को उनके परिजनों के पास भेजा जा सके