पटना : राज्य में दारोगा बहाली के लिए ली गयी मुख्य परीक्षा के परिणाम को पटना हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है. कोर्ट ने पूरी प्रक्रिया को सुरक्षित रखते हुए सही से संशोधित परिणाम निकालने का आदेश दिया है. दायर याचिका के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.
पटना हाईकोर्ट ने बिहार में दारोगा बहाली के लिए ली गई मुख्य परीक्षा के परिणाम को पटना हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने बिहार पुलिस कर्मचारी चयन आयोग को निर्देश दिया है कि सही प्रक्रिया का पूरी तरह पालन करते हुए संशोधित परिणाम निकाला जाए.
- दारोगा के 1717 पदों पर बहाली की प्रक्रिया के तहत मार्च में प्रारंभिक लिखित परीक्षा ली गई थी.
- प्रारंभिक परीक्षा के आधार पर मुख्य लिखित परीक्षा के लिए 29359 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था.
- 22 जुलाई को पटना के 44 सेंटरों पर मुख्य लिखित परीक्षा आयोजित की गई.
- अगस्त में दारोगा के 1717 पदों के लिए हुई मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी किया गया था.
- इस परीक्षा में कुल 10161 अभ्यर्थी मुख्य परिक्षा में सफल घोषित किए गए थे.
गौरतलब है कि जस्टिस शिवा जी पांडेय ने दारोगा बहाली की मुख्य परीक्षा के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने के बाद परिणाम सुरक्षित रखा था। बुधवार को याचिकाओं पर फैसला देते हुए कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ये आदेश मुख्य परीक्षा के लिए है.बिहार में दारोगी की भर्ती के लिए पीटी के बाद मेंस की परीक्षा ली गई थी। बिहार में दारोगा की भर्ती के लिए पीटी परीक्षा 11 मार्च और 15 अप्रैल को आयोजित करवाए गए थे. 29,359 कैंडिडेट्स मेंस परीक्षा में शामिल होने के लिए क्वालिफाई कर पाए थे. एसआई मेंस की परीक्षा 22 जुलाई को हुई थी और इसमें 10,161 उम्मीदवार सफल हुए हैं.
बता दें कि दारोगा बहाली की मुख्य परीक्षा को लेकर कई असफल छात्र आंदोलनरत थे. पटना के कारगिल चौक पर भी छात्रों ने प्रदर्शन किया था. जिसके चलते पुलिस की ओर से उनपर लाठियां भी बरसाई गई थी. इन असफल छात्रों का आरोप था कि दारोगा बहाली की मुख्य परीक्षा में धांधली हुई थी. हालांकि इन सभी आरोपो को बिहार पुलिस कर्मचारी चयन आयोग ने सिरे से खारिज कर दिया था. लेकिन पटना हाई कोर्ट ने अब इन आरोपों को सही मानते हुए प्रदर्शन कर रहे छात्रों के पक्ष में फैसला सुनाया है.