विजय सिन्हा : आज दिवाली का त्योहार है. हर कोई इस पर्व को खुशियों के साथ मना रहा है. आज के दिन हम लक्ष्मी की पूजा करते हैं. दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन का बहुत महत्व है. हम सभी का मानना है कि लक्ष्मी जी की पूजा करने से घर में बरकत बनी रहती है, इसलिए सभी घरों में यह पूजा विधिवित होती है. आज के दिन लक्ष्मी के साथ-साथ गणेश की भी पूजा होती है. लक्ष्मी धन की देवी हैं तो गणेश बुद्धि के देवता हैं. कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन दीपावली यानी कि दीवाली का त्योहार मनाया जाता है. माना जाता है कि भगवान राम चौदह साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे. अपने प्रभु राम, माता सीता और प्रभु लक्ष्मण के अयोध्या वापसी की खुशी में लोगों ने चारो तरफ दीप जलाकर उनका स्वागत किया था. मान्याताओं के अनुसार ही इसी दिन भगवान कृष्ण ने भी नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था.
लक्ष्मी के साथ-साथ गणेश की पूजा करने का उद्देश्य यह है कि अगर घर में लक्ष्मी हैं तो बुद्धि का होना बहुत जरूरी है, ताकि लक्ष्मी का सही तरीके से सदुपयोग किया जा सके. शास्त्रों में लक्ष्मी पूजन को लेकर कुछ बातें स्पष्ट की हैं. अगर सही तरीके से लक्ष्मी की पूजा की जाती है तो उनका स्थाई निवास होता है. आईए जानते हैं कि पूजा करने के सरल और सही विधि क्या है.
जिस स्थान पर मां लक्ष्मी की पूजा करनी है वह जगह साफ-सुथरा होना चाहिए. इसलिए, पूजा करने से पहले ही उस जगह की अच्छे से सफाई कर लें. माना जाता है कि गंदगी में लक्ष्मी का निवास नहीं होता है. उनका निवास केवल साफ-सुथरे जगहों पर होता है. साइंस के मुताबिक, अगर कोई जगह गंदा है और आसपास मकड़े के जाल हों तो निगेटिव एनर्जी हावी रहता है. गंदगी की दूसरी सबसे बड़ी वजह आलस्य है. जो आलसी होगा वह लक्ष्मी का अर्जन नहीं कर सकता है.
लक्ष्मी के साथ-साथ गणेश की भी पूजा करें. लक्ष्मी की पूजा से धन तो गणपति की पूजा से बुद्धि आएगा. बुद्धि के बिना न तो लक्ष्मी जी आ सकती हैं और आ भी गईं तो ठहर नहीं सकती हैं.
पूजा करने की विधि
पहले लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति को अच्छे से धो लें. उसके बाद कुंकुम से पूजन करें. फूल में लाल गुलाब का इस्तेमाल करें. ये सब पवित्रता के साधन हैं. प्रसाद के रूप में खीर या मिठाई चढ़ाएं. पूजा के दौरान लक्ष्मी सूक्त का पाठ जरूर करें. कुल मिलाकर, निष्ठा और स्वच्छता के साथ पूजा करने पर फल जरूर मिलता है. लक्ष्मी जी के आने के यही रास्ते हैं.
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए छोटी कन्याओं को उपहार दे सकते हैं. उपहार मिलने से वो बहुत खुश होती हैं. वे मासूम होते हैं और स्वभाव निश्चल होता है, इसलिए मां लक्ष्मी खुश होती हैं.
पूजा का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, इस वर्ष दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 30 मिनट से प्रारंभ होगा और रात 8 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. इस साल दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त 1 घंटा 58 मिनट तक रहेगा. इसी दौरान सभी घरों में लक्ष्मी-गणेश की पूजा सम्पन्न की जाएगी.