पटना ब्यूरो (संजय कुमार मुनचुन) : सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार, स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह, पुलिस मुख्यालय से ए.डी.जी जितेन्द्र कुमार एवं आपदा प्रबंधन विभाग के नोडल पदाधिकारी संजय कुमार सिंह को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मीडियाकर्मियों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी।
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सूचना जन-सम्पर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री कोरोना से उत्पन्न हालात के हर पहलूओं की लगातार समीक्षा कर रहे हैं और जरुरतमंद को हरसंभव मदद का लगातार निर्देश दे रहे हैं।
अनुपम कुमार ने कहा कि बिहार में पिछले 24 घंटे में 26 नए मामले आने के बाद बिहार में कोरोना पाजिटिव केस का आंकड़ा 409 हो गया है। बिहार में 203 आपदा राहत केन्द्र चलाए जा रहे हैं जिसका लाभ 72 हजार से ज्यादा लोग उठा रहे हैं। पंचायत स्तर पर स्थित 1413 क्वारेंटाईन सेंटर में 13 हजार 03 सौ लोग आवासित हैं, जिन्हें भोजन और चिकित्सीय सुविधा मुहैया करायी जा रही है। लाँकडाउन के कारण बिहार के बाहर फंसे बिहार के लोगों के अब तक 28 लाख 29 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 17 लाख 69 हजार आवेदकों के खाते में 1000 रूपये की राशि भेज दी गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिहार फाउंडेशन के जरिये बिहार के बाहर फंसे 9 राज्यों में 55 राहत केन्द्र चलाए जा रहे हैं जिससे 13 लाख 74 हजार लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जानकारी देते हुए एडीजी पुलिस ने जितेन्द्र कुमार ने कहा कि लाँकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है और कोविड-19 से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों में जो अवरोध पैदा कर रहा है उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।पिछले 24 घंटे में 25 एफआरआई दर्ज किए गए हैं, 41 गिरफ्तारियां हुई हैं और 1772 वाहन जब्त किए गए है।
आपदा प्रबंधन विभाग के नोडल पदाधिकारी संजय कुमार सिंह ने कहा कि सीमावर्ती क्षत्रों में चलाए जा रहे सीमा आपदा राहत केन्द्रों पर लोगों की प्रिलीमनरी स्क्रीनिंग कराकर उनके गंतव्य जिलों तक पहुंचाकर वहां चलाए जा रहे प्रखंड स्तरीय क्वारंटाईन केन्द्र में रखा जाएगा जहां भोजन एवं आवासन की सुविधा होगी। इस पूरे प्रक्रिया में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में अब तक डोर टू डोर स्क्रीनिंग के तहत अब तक 75 लाख 72 हजार घरों के सर्वेक्षण किए जा चुके हैं, जिनमें 3180 लोगों में बुखार, खाँसी एवं सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण पाए गए।