लखनऊ,ब्यूरो:राज प्रताप सिंह।
लखनऊ।पॉवर कारपोरेशन में हुए भर्ती घोटाले में विद्युत सेवा आयोग के अध्यक्ष एके सक्सेना और सचिव जीसी द्विवेदी को निलम्बित कर दिया गया है।
इसके अलावा परीक्षा कराने वाली संस्था एपटेक को काली सूची में डालते हुए उसके माध्यम से हुई सभी भर्ती परीक्षाओं को रद कर दिया गया।
विभागीय जांच के आदेश के साथ ही परीक्षा के लिए भी बने सभी पैनल भी बर्खास्त कर दिए गए हैं। प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार ने मामले की पड़ताल में जुटी एटीएस की जांच के बाद यह कार्रवाई की।
विद्युत सेवा आयोग बिजली विभाग से जुड़े संगठनों के लिए अभियंता-कर्मचारियों आदि की भर्ती करता है। पिछले वर्ष अवर अभियंता, सहायक समीक्षा अधिकारी, कार्यालय सहायक और अपर निजी सचिव पदों के लिए नियुक्तियां किए जाने के विज्ञापन जारी हुए।
यह सभी परीक्षाएं आनलाइन कराई जानी थी। इसके लिए एपटेक संस्था को जिम्मा दिया गया। इस पूरी परीक्षा में जमकर धांधली और फर्जीवाड़ा हुआ। मामले में विवाद बढ़ने पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर राज्य की किसी एजेंसी से जांच कराने का अनुरोध किया था।
मुख्यमंत्री ने 28 फरवरी को एसटीएफ को जांच सौंपी थी। एसटीएफ ने विवेचना के दौरान स्कूल प्रबंधकों, साल्वरों सहित फर्जीवाड़ा करने वाले 12 लोगों को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया। इसके अलावा पॉवर कारपोरेशन के कई अधिकारियों से भी पूछताछ की।
एसटीएफ को पकड़े गए आरोपियों से यह जानकारी मिली कि इस पूरे घोटाले में परीक्षा कराने वाली संस्था के कर्मचारियों के साथ पॉवर कारपोरेशन के अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत है।
इसके आधार पर अभी जांच चल रही है। एपटेक संस्था के मुंबई सर्वर की फारेंसिक जांच के अलावा विद्युत सेवा आयोग के अधिकारी-कर्मचारी भी एसटीएफ के रडार पर हैं।