फैसला : मुगलसराय के बाद अब इलाहाबाद का बदला नाम, ‘प्रयागराज’ नाम पर योगी कैबिनेट की मुहर
लखनऊ ( राज प्रताप सिंह) : सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक के दौरान इलाहाबाद को लेकर सबसे बड़ा फैसला लिया गया है. इलाहाबाद को अब से प्रयागराज के नाम से जाना जाएगा. इस पर योगी कैबिनेट ने अंतिम मुहर लगा दी है.
योगी सरकार के आते ही जिस तरह से नामों के बदले जाने का सिलसिला शुरू हुआ है. उसे देखते हुए संतों ने मांग रखी थी कि इलाहाबाद का भी नाम बदला जाए. संतों की मांग के बाद योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद का नाम बदलते हुए प्रयागराज करने का फैसला किया है. इस नाम पर आज कैबिनेट ने अंतिम मुहर लगा दी है.
दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में हिंदुत्व के एजेंडे को धार देने के उद्देश्य से भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने इलाहाबाद के नाम को प्रयागराज करने का बड़ा फैसला किया है. देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में सर्वाधिक सीटें जीतकर दिल्ली की सत्ता में एक बार फिर से काबिज होने की बेहतर रणनीति को लेकर समूचा बीजेपी नेतृत्व इस समय चिंतित है. इसको लेकर रणनीति भी बना रहा है.
इसी रणनीति के तहत यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इलाहाबाद के नाम को प्रयागराज कर दिया है.
माना जा रहा है कि इससे हिंदुत्व के एजेंडे को सेट किये जाने का एक प्रयास है. साथ ही यह संदेश देने की कोशिश है कि बीजेपी अपनी सनातन और धार्मिक परंपराओं का पूरा ख्याल रखती है और वह इसी उद्देश्य के साथ सरकार भी चला रही है.
मेट्रो के एयरपोर्ट स्टेशन पर बनेगा सबसे बड़ा शापिंग मॉल
पिछले काफी समय से संत समाज की तरफ से भी इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने को लेकर मुहिम चलाई जा रही थी और राज्य सरकार पर दबाव भी बनाया जा रहा था. इस दबाव और लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी नेतृत्व ने योगी आदित्यनाथ सरकार से इस फैसले पर मुहर लगाने का निर्णय लिया. इलाहाबाद में हुई उच्चस्तरीय बैठक में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विषय पर राज्यपाल से चर्चा की थी.
यूपी:बहादुरी के लिए सिपाही को प्रशंसा चिह्न देने की घोषणा
नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी प्रतिक्रिया जरुर लिखें