पटना (संजय कुमार मुनचुन) : राजधानी के अंडरवर्ल्ड में अपरोक्ष रूप से पटना की ‘लेडी डॉन’ के नाम से विख्यात प्रतिमा सिंह को शुक्रवार की शाम उसके दो गुर्गे मनीष और दीपक के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। एक पेपर एजेंट की शिकायत पर गांधी मैदान थानाध्यक्ष दीपक कुमार ने त्वरित कार्रवाई कर तीनों को प्रतिमा के एक्जीविशन रोड स्थित जुबैदा अपार्टमेंट के 304 नंबर फ्लैट से गिरफ्तार किया। प्रतिमा सिंह कभी कुख्यात रहे पांडव गिरोह के सरगना संजय सिंह की पहली पत्नी है। संजय सिंह द्वारा अपराध का रास्ता त्याग देने और समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के बाद प्रतिमा के क्रियाकलापों को देख संजय ने तीन वर्ष पूर्व उसका परित्याग कर पिछले वर्ष दूसरी शादी कर ली। इसके बाद प्रतिमा ने संजय के एक्जीविशन रोड स्थित फलैट पर अपना कब्जा जमा लिया और वहीं से वह अपरोक्ष रूप से अपने गुर्गो द्वारा अपराधों को अंजाम दिलवाती रही है। यह दीगर बात है कि अबतक किसी अपराध में उसका नाम नहीं आया पर कूकर्म कब तक छिप सकते हैं।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रतिमा सिंह प्रतिदिन अपने फ्लैट पर एक हॉकर द्वारा अखबार मंगवाया करती थी। अखबार का 2000 रुपये बकाया हो जाने और हॉकर द्वारा पहले दशहरा और पुन: दिपावली के पूर्व रुपये मांगे जाने पर भी प्रतिमा ने उसे रुपये नहीं दिए। शुक्रवार को हॉकर ने पेपर देने के बाद फिर पैसे की मांग की जिसपर प्रतिमा और घर में बैठे उसके बैठे दो गुर्गों ने उसे धमकाया। बाहर निकलने के बाद पेपर हॉकर ने इसकी सूचना अपने पेपर एजेंट संजीत को दी। इसके बाद संजीत प्रतिमा के फ्लैट पर पहुंचा और बकाए की मांग करते हुए कहा कि ‘मैडम अगर पैसा नहीं देंगी तो कल से पेपर बंद हो जाएगा।’ इससे आग बबूला हुई प्रतिमा ने अपने गुर्गे से पहले फ्लैट का मुख्य दरवाजा बंद करवाया और उसकी पिटाई शुरू कर दी। इसके बाद प्रतिमा और उसके गुर्गों ने संजीत के पाकेट में रखा एटीएम कार्ड छीन लिया और उससे उसका पीन नंबर पूछकर पचास हजार रुपये निकाल लिए। रुपये पाने के बाद तीनों ने संजीत को धमकी देकर छोड़ दिया। उस फ्लैट से बाहर आने के तुरंत बाद संजीत ने मोबाइल से इसकी सूचना गांधी मैदान थानाध्यक्ष दीपक कुमार को दी। सूचना पाते ही दस मिनट के अंदर महिला आरक्षी और पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुचे थानाध्यक्ष ने जब घर की तलाशी ली तो घर से 80 ग्राम गांजा तो बरामद हुआ पर रुपये नहीं मिले। पर साथ में रही तेजतर्रार महिला आरक्षी को शक हुआ तो उसने जबरन प्रतिमा के उपरी अंगवस्त्र में हाथ डाला जहां एटीएम से निकाले गए पचास हजार रुपये छूपाकर रखे गए करेंसी नोट बरामद हो गए। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में गिरफ्तार मनीष मूल रुप से नेपाल का निवासी है जिसके पिता पूर्व में बीएमपी के गोरखा बटालियन में पदस्थापित थे। मनीष का पूर्व से ही प्रतिमा के साथ संबध था जो संजय सिंह के द्वारा पत्नी को परित्याग करने के बाद और प्रगाढ़ हो गया।प्रतिमा के साथ गिरफ्तार दूसरा आरोपित दीपक मूल रुप से नौबतपुर थाना के सोहरा गांव का निवासी बताया जाता है। अपने को कई वर्षों से खुद को एक्साइज इंस्पेक्टर बताने वाली प्रतिमा सिंह मूल रूप से पटना के जानीपुर थाना के सिमरा गांव की निवासी है। उसके पिता लालबाबू शर्मा हाऊसिंग बोर्ड के रिटायर्ड कर्मी हैं। प्रतिमा सिंह पर पूर्व से ही कइ्र मामले दज्र हैं। वर्ष 2000 में कंकड़बाग में हुए एक अपहरण मामले में वह जहां मुख्य आरोपिम थी वहीं इस घटना के कुछ वर्ष बाद प्रतिमा सिंह को तरेत पाली निवासी कमलेश शर्मा (आज गिरफ्तार हुआ दीपक का भाई) एवं कुछ अन्य अपराधियों के साथ पटना के न्यू बाईपास स्थित अमित मोटल के एक कमरे से गिरफ्तार किया गया था। बाद में प्रतिमा की निशानदेही पर ही गिरफ्तार अपराधियों में से एक के पटना स्थित आवास से पुलिस ने एक एसएलआर रायफल बरामद किया था। इन दोनों मामलों में भी प्रतिमा सिंह जेल की हवा खा चुकी है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार पटना की इस ‘लेडी डॉन’ के गैंग में पटना एसटीएफ में कार्यरत कई कांस्टेबल भी शामिल हैं जो प्रतिमा के इशारे पर काम करते हैं और जरुरत पड़ने पर पुलिस वर्दी का नाजायाज प्रयोग भी करते हैं। बहरहाल पुलिस ने प्रतिमा और उसके दोनों गुर्गो पर मनी एक्सटार्सन और एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर अग्रतर कार्रवाई कर रही है।