【संजय कुमार मुनचुन】तो अब यह आधिकारिक बात है सेक्स एजुकेशन देश के स्कूलों के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनने जा रहा है इस कार्यक्रम की शुरुआत पीएम मोदी द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत के तहत ही शनिवार 14 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के बीजापुर से होगा
स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत रोल प्ले और एक्टिविटी बेस्ड मॉड्यूल को बाद में कई चरणों में पूरे देश के स्कूलों में लागू किया जाएगा और इसके लिए खासतौर से प्रशिक्षित शिक्षकों और साथी एजुकेटर चुने हुए स्टूडेंट की मदद ली जाएगी
गौरतलब है कि इसके पहले यूपीए सरकार द्वारा भी इसी तरह का एक कार्यक्रम शुरू किया गया था लेकिन साल 2005 में बीजेपी नेता वेंकैया नायडू की अध्यक्षता वाली राज्यसभा की समिति ने इसकी आलोचना की थी और इसे चालाकी भरी मीठी भाषा बताया था जिसका वास्तविक उद्देश्य स्कूलों में सेक्स शिक्षा देना और स्वच्छंदता को बढ़ावा देना है
इस पाठ्यक्रम में बढ़ते बच्चों के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओें को शामिल किया जाएगा जिनमें यौन और प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य यौन उत्पीड़न गुड टच और बैड टच पोषण मानसिक स्वास्थ्य यौन संबंधों से होने वाले रोग STD गैर संक्रामक रोग चोट और हिंसा आदि शामिल होंगे करीब 22 घंटे का यह कार्यक्रम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय की संयुक्त पहल है और इससे करीब 26 करोड़ किशोरों को फायदा मिलेगा
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया यह निर्देश दिए गए हैं कि हफ्ते में एक पीरियड इस कार्यक्रम के लिए हो इस मॉड्यूल में उपयुक्त तरीके से किशोरों से संबंधित समस्याओं के बारे में बताया जाएगा
बीजपुर पूरे देश के 115 आकांक्षी जिलों’ में शामिल हैं जिनकी पहचान सरकार ने की है इस कार्यक्रम के तहत सरकार जिलों में हर समय निगरानी के द्वारा विकास कार्य करती है अधिकारी ने बताया पहले चरण में नौवीं से बारहवीं तक के स्टूडेंट्स पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और बाद में इसमें छोटी क्लासेज के बच्चों को भी शामिल किया जाएगा इसके लिए हर स्कूल के दो शिक्षकों का चयन कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा