डेस्क : दिल्ली में वायु की गुणवत्ता लगातार खराब होने के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पेट्रोल के 15 साल पुराने और डीजल के 10 साल पुराने वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध लगा दिया.
उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण की स्थिति को बहुत ही चिन्ताजनक बताते हुये निर्देश दिया कि पेट्रोल से चलने वाले 15 साल पुराने और डीजल से चलने वाले 10 साल वाहनों की सूची केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और परिवहन विभाग की वेबसाइट पर प्रकाशित की जाए.
निर्माण गतिविधियों पर रोक
उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने नवंबर के शुरुआती 10 दिनों के लिए सीपीसीबी की अनुशंसाओं को स्वीकार कर लिया है. इन अनुशंसाओं में एक से 10 नवंबर के बीच सभी तरह की निर्माण गतिविधियों पर रोक लगाने को कहा गया है, जिनसे निकलने वाली धूल से प्रदूषण होता है.
एक लाख बच्चों की जहरीली हवा से मौत
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में भारत में पांच साल से कम उम्र के करीब एक लाख बच्चों की जहरीली हवा के प्रभाव में आने से मौत हो गई. साथ ही, इसमें बताया गया कि निम्न और मध्यम आय-वर्ग के देशों में पांच साल से कम उम्र के 98 फीसद बच्चे 2016 में हवा में मौजूद महीन कण (पीएम) से होने वाले वायु प्रदूषण के शिकार हुए.
ग्रीनपीस की रिपोर्ट
ग्रीनपीस द्वारा जारी एक रिपोर्ट में भारत के प्रदूषण स्तर की बहुत ही भयावह तस्वीर पेश की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन के विश्व के तीन सबसे बड़े ‘हॉटस्पॉट’ भारत में हैं और इनमें से एक दिल्ली-एनसीआर में है. बता दें, पीएम 2.5 और ओजोन के निर्माण के लिए नाइट्रोजन ऑक्साइड जिम्मेदार होता है.
प्रदूषण नियंत्रण समिति ने जारी किए निर्देश
आपको बता दें, अधिकारियों ने पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) को नहीं अपनाने पर 113 उद्योगों को बंद करने का निर्देश दिया है. वहीं, उपराज्यपाल अनिल बैजल के नेतृत्व में हुई एक बैठक में अधिकारियों ने एलजी को बताया कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों के खिलाफ 1368 कारण बताओ नोटिस और 417 को बंद करने के निर्देश जारी किए हैं.