गया।अफसर प्रशिक्षण अकादमी, गया का ड्रिल स्क्वायर अपने 12वीं पासिंग आउट परेड के अवसर पर पेशेवर सैन्य वैभव और आकर्षण से सराबोर था।इस पासिंग आउट परेड में 131 जेंटलमैन कैडेट जो दिसंबर 2014 में अपना प्रारंभिक प्रशिक्षण पूरा किया था ने 17 स्पेशल कमीशन ऑफिसर, 04 विदेशी कैडेट तथा असम राइफल्स के 14 कैडेटों के साथ सेना में कमीशन प्राप्त किया। वहीं पांच विदेशी कैडेटों सहित 95 कैडेट, टेक्नीकल एंट्री स्कीम क्रमांक- 36 के अंतर्गत देश के विभिन्न सैन्य तकनीकी संस्थानों जैसे- मिलिट्री इंजीनियरिंग कॉलेज सिकंदाराबाद, मऊ और पुणे इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के लिए रवाना हुए।इस मौके पर जेंटलमैंन कैडेट द्वारा प्रस्तुत परेड ने उपस्थित सैन्य एवं असैन्य गणमान्य व्यक्तियों, प्रशिक्षुओं के पारिवारिक सदस्यों का मन मोह लिया।इस परेड के निरीक्षण अधिकारी अफगान सेना के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद शरीफ याफ्टील व मुख्य मेजबान सेना के मध्य कमान के कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल बीएस नेगी थे।निरीक्षण अधिकारी का परेड स्थल पर आगमन सैन्य वैभव से परिपूर्ण सुसज्जित बग्घी से हुआ।उनकी आगवानी लेफ्टिनेंट जनरल बीएस नेगी व गया ओटीए के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल वीएस श्रीनिवास के द्वारा की गई।कैडेट्स ने निरीक्षण अधिकारी को सैन्य सैल्यूट दिया। तत्पश्चात एक शानदार मार्च पास्ट करते हुए सलामी दी गई।निरीक्षण अधिकारी ने प्रशिक्षण के दौरान अच्छा प्रदर्शन करने वाले जेंटलमैन कैडेट्स को पुरस्कृत किया।टी ई एस दृ 30 कोर्स में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विंग कैडेट धर्मेश कुमार को सोर्ड ऑफ ऑनर प्रदान कर सम्मानित किया।इसके अलावा प्रशिक्षुओं को स्वर्ण, रजत और कास्य पदक श्रेणी के अनुसार क्रमशः विंग कैडेट एडजुटेंट संदीप कुमार, विंग कैडेट कैप्टन धर्मेश कुमार तथा विंग कैडेट क्वार्टर मास्टर शुभम संस्थान सावंत को प्रदान किया गया।शीत सत्र -2017 के प्रशिक्षण काल में सभी क्षेत्रों अच्छा प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षु कंपनी, टिथवाल को प्रतिष्ठित चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर प्रदान किया गया।इसके बाद परेड को संबोधित करते हुए अफगान आर्मी के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद शरीफ याफ्टील ने जेंटलमैन कैडेट्स को उनके बेहतरीन ड्रिल प्रदर्शन के लिए बधाई दी, उन्होंने उनके गौरवशाली भविष्य की मंगलकामना करते हुए कहा कि आपका भविष्य निःस्वार्थ और गौरवमयी सेवा से भरा हो।उन्होने यह भी कहा कि सैनिकों को अपने जीवन में सैन्य गुण और सदभाव को आत्मसात करना चाहिए।परेड का समापन कैडेट्स के द्वारा अंतिम पग पर कदम रख कर किया गया।तत्पश्चात अकादमी के एडजुटेंट द्वारा मुख्य अतिथि और सम्मानित व्यक्तियों की गरिमामय उपस्थिति में शपथ ग्रहण कराया गया।नए कमीशन प्राप्त अधिकारियों के कंधे पर रैंक उनके माता-पिता और अभिभावक के द्वारा रैंक लगाया गया।नए कमीशन प्राप्त ऑफिसरों के अभिभावक के लिए यह जीवन पर्यंत का अनुभव था।सभी भावुक हो उठे और कहा कि हमें अपने बच्चे पर गर्व है।निरीक्षण अधिकारी ने अभिभावकों को बधाई दी और कहा कि वे भाग्यशाली अभिभावक हैं जिनकी संतानें आज आर्मी जैसे बेहतरीन सेवा संगठन का हिस्सा बनी हैं।ओ.टी.ए. गया की स्थापना 18 जुलाई 2011 में साहस, ज्ञान एवं संकल्प के साथ हुई।अभी यह अकादमी स्पेशल कमीशन ऑफिसर और टेक्नीकल इंट्री स्कीम जो टीईएस व एससीओ के रूप में क्रमशः जाने जाते हैं उनका प्रशिक्षण चला रही है। इसमें टीईएस के प्रशिक्षु 10़2 की स्कूली शिक्षा के बाद अकादमी में प्रवेश पाते हैं और प्रशिक्षण प्राप्त कर सशस्त्र सेना का हिस्सा बनते हैं।टेक्नीकल इंट्री स्कीम में प्रवेश पाने वाले कैडेट एक साल का बुनयादी सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर अभियन्त्रिक प्रशिक्षण के लिए देश स्थित सैन्य अभियन्त्रिक संस्थान जाते हैं और तीन वर्षों का तकनीकी प्रशिक्षण पूरा कर वे कमीशन पाते हैं. पड़ोसी देशों से भी जेंटलमैन कैडेट कोर्स के लिए आते हैं।वर्तमान में 04 विदेशी कैडेटों ने ओटीए गया से सफलतापूर्वक अपना प्रशिक्षण प्राप्त कियज्ञं
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