लखनऊ,ब्यूरो:राज प्रताप सिंह-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ऑनलाइन रजिस्ट्री सेवा का शुभारंभ किया। प्रदेश के किसी भी जिले में अब आसानी से ऑनलाइन रजिस्ट्री कराई जा सकेगी। इतना ही नहीं धोखाधड़ी पर भी रोक लगेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन सेवा से रजिस्ट्री कराने में पारदर्शिता आएगी।
मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पांच कालीदास मार्ग पर ऑनलाइन रजिस्ट्री सेवा का शुभारंभ किया। प्रदेश के नौ मंडलों गोरखपुर, मेरठ, वाराणसी, फैजाबाद, आगरा, अलीगढ़, देवीपाटन, बरेली व मुरादाबाद में अभी तक ऑनलाइन रजिस्ट्री की व्यवस्था थी। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को आजमगढ़, इलाहाबाद, कानपुर, चित्रकूट, झांसी, बस्ती, लखनऊ, मिर्जापुर व सहारनपुर मंडलों में भी ऑनलाइन रजिस्ट्री सेवा का शुभारंभ किया।
उन्होंने कहा कि यूपी में 11 सालों से ऑनलाइन रजिस्ट्री सेवा शुरू करने की कवायद चल रही थी। यह सपना अब साकार हुआ है। ऑनलाइन सेवा से लोगों को संपित्तयों की रजिस्ट्री कराने के लिए अब इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। ऑनलाइन संपत्तियों का पूरा ब्यौरा दर्ज करने के बाद यह पता चल जाएगा कि कितना स्टांप लगेगा और कुल कितनी फीस होगी। इसके आधार पर लोगों को संपत्तियों की रजिस्ट्री कराने की सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके साथ ही धोखाधड़ी कर संपत्तियों की रजिस्ट्रियां नहीं कराई जा सकेंगी। ऑनलान प्रक्रिया शुरू होते ही यह पता चल जाएगा कि संपत्ति पूर्व में किसकी थी। संपत्तियों की ऑनलाइन रजिस्ट्री के लिए प्रेरणा वर्जन 30 वर्जन बनाया गया है। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने इस साफ्टवेयर को तैयार किया है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के अमरेश त्रिपाठी, नवीन सिंह, शशि भूषण सिंह, उपेंद्र कुमार सिंह तथा एनआईसी के सौरभ गुप्ता, विनय कुमार सिंह, जगदीश पांडेय व संजीव गहलौत को सम्मानित किया।