इटावा(डॉ.एस.बी.एस.चौहान) : चकरनगर विकासखंड के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय खिरीटी के रसोईया रूम में आग लग जाने से इमारत चटकी व अंदर रखा सारा सामान जलकर नष्ट। उपलब्ध जानकारी के अनुसार विकासखंड चकरनगर के अंतर्गत आने वाला प्राथमिक विद्यालय खरीटी जहां पर बिभागीय अधिकारियों की चलते लापरवाही रसोईया क्वार्टर में भीषण आग लग जाने से अंदर रखी जलाऊ लकडी कुछ अन्य उपयोगी सामान बी जलकर नष्ट हो गया। घटनास्थल का नजारा देखने से पता चलता है की बिल्डिंग के अंदर इतना उच्च तापमान है कि उसके अंदर प्रवेश कर पाना किसी भी कीमत में संभव नहीं है पास में ही प्राथमिक विद्यालय का रूम है जहां पर बच्चे बैठे हुए है। लोगों ने इस बात की सलाह दी कि यह बिल्डिंग यदि चटक गई तो यह फट कर पास के कमरों के ऊपर गिरने से कोई बड़ा हादसा हो सकता है इस उद्देश्य के चलते उप जिलाधिकारी चकरनगर से बात की गई तो उन्होंने तत्परता से घटना को संज्ञान में लेते हुए विद्यालय के बच्चों की छुट्टी का आदेश किया।
इसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी चकरनगर से संपर्क किया गया तो उन्होंने घटना के बारे में काफी अफसोस जाहिर करते हुए संकुल प्रभारी पर यह आरोप लगाया कि मैं करीब 1 माह पूर्व चेकिंग में गया था विद्यालय में लकड़ियों के लिए मना किया था कि विद्यालय में लकड़ी न रखी जाए और मैं इस बात को रजिस्टर पर भी दर्ज करके आया था लेकिन संकुल प्रभारी ने उस पर कोई खास तवज्जो नहीं दी जिसके चलते यह हादसा आज सामने आया । खंड शिक्षा अधिकारी से यह पूछा गया कि क्या खाना लकड़ियों से बनने की व्यवस्था है तो इस पर खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि नहीं गैस के द्वारा खाना बनना चाहिए पर कुछ कमियां आई हैं पूर्व प्रधान ने या कहीं अव्यवस्थाओं के चलते सिलेंडरों की अनुपस्थिति में यह खाना लकड़ी से बनाया जा रहा है जबकि सिलेंडर हो सकता है किसी अफसर के घर या प्रधान के घर या अध्यापक के घर खाना बना रहे हो विद्यालय में तो लकडियों से ही खाना बन रहा है जिसके चलते आज यह बहुत बड़ा हादसा होते होते बचा लेकिन फिर भी यह बिल्डिंग यदि कुछ घंटों में फटी तो पास के कमरों पर भी आहत हो सकते है विद्यालय में बैठे बच्चों को विद्यालय से आउट कर दिया गया है ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके इस संबंध में जब रसोईया से पूंछा गया तो रसोई ने उहापोह की स्थिति में यह बताया कि लकड़ी जो अंदर बंद थी बाहर से ताला लगा हुआ था लेकिन हो सकता है कि कल खाना बनाने के बाद लकड़ियों के साथ कोई आग की चिनगारी चली गई हो और उस चिंगारी ने रात्रि में इतना विक्राल रुप लेकर कि कमरे में रखी सारी की सारी लकड़ी जल कर स्वाहा हो गई उसी से हादसा हुआ अब देखना यह है कि विद्यालयों में यह गैस के सलेंडर कितने विद्यालय में चल रहे है जिन विद्यालयों में सलेंडर नहीं हैं आखिर वो कहां हैं? ग्रामीणो से मुख्यमंत्री से दोषियों के खिलाफ उचित कार्यवाई की मांग की है।