लखनऊ ब्यूरो(राज प्रताप सिंह)- मंगलवार को सुबह 10 बजे आगरा-लखनऊ ताज एक्सप्रेस वे पर एक के बाद एयर फोर्स के कई विमान टच डाउन कर निकले। सबसे पहले दुनिया के सबसे बड़े मालवाहक जहाज C130J सुपर हरक्यूलिस विमान ने लैंड किया। इसके बाद एक के बाद एक मिराज, जेगुआर और सुखोई जेट्स के फ्लीट ने एक्सप्रेस वे को टच डाउन किया और वापस अपने-अपने बेस की तरफ बढ़ गए।
वायुसेना का टच-एंड-गो लैंडिंग अभ्यास
भारतीय वायुसेना के विमान मंगलवार को लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर टच-एंड-गो लैंडिंग का अभ्यास कर किया हैं। इसकी शुरुआत 35,000 किलोग्राम वजनी सी 130 जे हरक्यूलिस एयरक्राफ्ट से हुई। इस विमान से गरुड़ कमांडो नीचे उतरे और उन्होंने एक्सप्रेस वे की सुरक्षा का जिम्मा संभाला। यह पहला मौका है जब सी-130जे एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल एक्सप्रेस-वे पर एयरफोर्स के स्पेशल ड्रिल के लिए किया गया है। इससे पहले वायुसेना ने मिराज 2000 और सुखोई फाइटर विमानों के साथ यमुना एक्सप्रेसवे पर अभ्यास किया था। भारत के अलावा कई देशों की वायुसेनाएं बड़े हाइवे और एक्सप्रेस-वे पर अभ्यास करती हैं।
मंगलवार का दिन ऐतिहासिक
वायु सेना के लिए मंगलवार का ऐतिहासिक दिन है। जब उन्नाव के गंजमुरादाबाद क्षेत्र में वायुसेना के फाइटर प्लेन अपना करतब दिखा रहे थे। यह प्लेन लड़ाई के समय यही पर उतर कर अपना करतब दिखाएंगे। वायुसेना के एयर मार्शल एसबी टूरी की अगुवाई में वायु सेना के सैनिकों का अभ्यास चल रहा है। वायुसेना पीआरओ गार्गी मलिक का कहना है कि वायुसेना के लिए यह ऐतिहासिक क्षण है। जब सुखोई मिराज और मालवाहक विमान उन्नाव की धरती पर उतर कर अपना करतब दिखा रहे हैं। वायु सेना दिवस पर वायु सेना के अधिकारी यह बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं। यह रिहर्सल दो बजे तक चला।
मिराज और सुखोई समेत अन्य विमान लैंड किया। आगरा एक्सप्रेस वे पर अभ्यास की शुरुआत 10.10 बजे पहले मालवाहक विमान सी 130 जे हरक्यूलिस एयरक्राफ्ट उतारकर हुई। इसके बाद मिराज व सुखाई आदि प्लेनों की लैंडिंग का सिलसिला जारी रहा।
चार वायुसेना स्टेशनों से 17 लड़ाकू विमानो ने उड़ान भरा और एक्सप्रेस-वे पर लैंडिंग का अभ्यास किया। इसे लेकर एक्सप्रेस-वे पर सोमवार सुबह से आवागमन बंद कर दिया गया। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की हवाई पट्टी पर सबसे पहले मालवाहक एएन-32एस लड़ाकू विमान कमांडो व अन्य सामग्री के साथ उतरा। मिराज, सुखोई, सी-130 लड़ाकू विमान भी लैंडिंग का अभ्यास किया। उधर, सुरक्षा के लिहाज से पुलिस ने बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र के रूरी रसूलपुर, खंभौली व नवलजट्टापुर गांव के सामने मार्ग को बंद कर दिया था।
चार अलग-अलग वायुसेना स्टेशनों से उड़ान विमान मालवाहक एएन-32एस विमान पहले कमांडो लेकर उतरा
ऐसा पहली बार होगा कि जब उन्नाव के पास बांगरमऊ हाईवे पर 17 विमान हाईवे को छुआ। एक्सप्रेस-वे बनने के दौरान वायुसेना के अनुरोध पर चार किमी का पैच रनवे की तरह ही तकनीकी तौर पर मजबूत बनाया गया था।
इतिहास में दर्ज होगा लम्हा: एक्सप्रेस-वे पर वायुसेना के फाइटर प्लेनों की लैंडिंग भारतीय वायुसेना के इतिहास में दर्ज होगी क्योंकि मंगलवार को भारतीय वायुसेना की 85वीं सालगिरह थी। इस मौके पर एक्सप्रेस-वे पर फ्लाई पास्ट में लड़ाकू विमानों के साथ विंटेज विमानों की भी लैंडिंग कराई गयी।
मिराज ने किया था टच डाउन:
पिछले साल भी वायुसेना के 8 लड़ाकू विमानों ने इसी जगह एक्सप्रेस-वे पर और 2015 में मथुरा के पास यमुना एक्सप्रेस-वे पर भी वायुसेना के लड़ाकू विमान मिराज 2000 ने टच डाउन किया था। वैसे जिस जगह पर लड़ाकू विमान को टच डाउन कराया गया था वह एक तरह से आम सड़क के साथ रनवे भी है।
उसे खासतौर पर रनवे की तरह बनाया गया है कि वह लड़ाकू विमान का दबाव झेल सके। देश में ऐसा प्रयोग पहली बार 2015 में किया गया था, जब वायुसेना के मिराज लड़ाकू विमान ने किसी राजमार्ग पर टच डाउन किया था।
यह तीसरा प्रयोग होगा:
दूसरी बार ऐसा प्रयोग पिछले साल लखनऊ के पास इसी जगह पर किया गया था, जो सफल रहा। दुनिया के चुनिंदा देशों में ऐसे हाईवे व एक्सप्रेस-वे हैं जहां विमानों को उतारा जा सकता है। इनमें पाक, जर्मनी, स्वीडन, द. कोरिया आदि हैं।
अतिथियों के लिए शिविर
वायुसेना के अभ्यास को देखने के लिए आने वाले अतिथियों व वायुसेना अधिकारियों के बैठने के लिए यूपीडा ने एक्सप्रेस-वे के निकट ही शिविर बनाए हैं। इनकी तैयारियां तीन-चार दिनों से चल रही थीं। बची-खुची खामियां भी दूर कर ली गई हैं।
कहां-कहां से उड़ान भरेंगे लड़ाकू विमान
वायुसेना के अभ्यास के लिए हिंडन (गाजियाबाद) से मालवाहक, गोरखपुर से जगुआर, ग्वालियर से मिराज और बरेली एयरफोर्स स्टेशन से सुखोई उड़ेंगे। सुबह करीब आठ बजे वायुसेना के कमांडो को लेकर मालवाहक एएन-32एस आएगा। यह हिंडन एयरफोर्स से उड़ान भरेगा और कमांडो को उतारकर लौट जाएगा। यही अकेला विमान होगा जो आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर पूरी तरह उतरेगा और यहां से उड़ान भरेगा। इसके बाद आने वाले फाइटर प्लेन हवाई पट्टी छूकर लौट जाएंगे। एएन-32एस फिर लौटेगा और वायुसेना कमांडो को ले जाएगा।
सुरक्षा व्यवस्था चौकस
अभ्यास के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए चार अपर पुलिस अधीक्षक, एक दर्जन पुलिस क्षेत्रधिकारी, 150 उप निरीक्षक व निरीक्षक, 200 दरोगा व 1,000 सिपाही लगाए गए हैं। इससे पहले वायुसेना अफसरों संग डीएम व एसपी ने भी सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।