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केंद्रीय टीम ने शिकायत के बाद की छापेमारी, चन्द्रिका देवी हास्पिटल की अल्ट्रासाउंड मशीन सीज !

लखनऊ,ब्यूरो:राज प्रताप सिंह

बीकेटी स्थित चंद्रिका देवी मैटरनिटी होम एन्ड ट्रॉमा सेंटर पर केंद्रीय स्वास्थ्य टीम ने शुक्रवार को छापेमारी की। छापेमारी के दौरान टीम के साथ एडिशनल सीएमओ व एसीएम 7 भी मौजूद रहें। स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी की सूचना मिलते ही हास्पिटल के सभी डाक्टर और कर्मचारी अस्पताल छोंड़ कर फरार हो गए। टीम ने यहां करीब पांच घंटे जांच-पड़ताल की। अधूरे दस्तावेज मिलने पर टीम ने अल्ट्रासाउंड मशीन सील कर दी।
चन्द्रिका देवी हॉस्पिटल में भ्रूण लिंग की जांच की शिकायत पर नेशनल इम्पेक्शन एन्ड मॉनिटरिंग कमेटी के चार सदस्यीय टीम डॉक्टर प्रमोद लोनेकर, डॉ. जार्ज साबू, दीपक भट्ट व अन्य अफसर शामिल थे। केंद्रीय टीम के अफसरों का कहना था कि अस्पताल में भ्रूण लिंग की जांच करने की शिकायत मिली थी। सीएमओ डॉ. जीएस बाजपेई का कहना कि अल्ट्रासाउंड मशीन सील हुई है लेकिन टीम ने रिपोर्ट सीमएओ कार्यालय को नहीं सौंपी है।
साढ़े पांच घंटे दस्तावेज खंगाले
दोपहर 11 बजे टीम ने हॉस्पिटल में छापेमारी की। यहां साढ़े तीन बजे तक सभी दस्तावेज खंगाले। अल्ट्रासाउंड करवाने के लिये भरवाया जाने वाला 7 नंबर फार्म अधूरा मिला। इसके साथ ही अस्पताल में कौन डॉक्टर अल्ट्रासाउंड जांच कर रहे हैं? किन मरीजों का अल्ट्रासाउंड हुअ? इससे संबंधित दस्तावेज भी अधूरे थे। टीम की रिपोर्ट के बाद एसीएम 7 अभिनव रंजन श्रीवास्तव ने अल्ट्रासाउंड मशीन सील कर दी।
मरीजों को छोड़ डॉक्टर व स्टाफ भागे
केंद्रीय स्वास्थ्य टीम जब हॉस्पिटल में छापेमारी के लिए पहुची वहां तैनात कर्मचारी, डॉक्टर, नर्स, वार्ड ब्वॉय एक-एक कर भाग खड़े हुए। मरीजों का इलाज बीच में छोड़कर डॉक्टर व कर्मचारियों के जाने से खासी अड़चन हुई। मरीज व उनके तीमारदार डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की तलाश में भटकते रहे।
भ्रूण लिंग की जांच को लेकर चर्चा में आया था हॉस्पिटल
डेढ़ दशक पहले भी यह हॉस्पिटल भ्रूण लिंग की जांच को लेकर चर्चा में आया था। शिकायत के बाद हॉस्पिटल की जांच हुई। जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई हुई थी। उस समय बीकेटी बड़ा बाजार में संचालित इस हास्पिटल की संचालिका ने अपना बोरिया बिस्तर समेट लिया था।
प्रसूता की पिटाई से गर्भस्थ शिशु हुई थी मौत
मां चन्द्रिका देवी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेन्टर में इटौंजा के जमखनवा गांव की पिंकी को डिलीवरी के दौरान लेबर रूम में उसके हाथपैर बांधकर स्टाफ पर पिटाई करने का आरोप लगे थे। आरोप हैं कि पिटाई की वजह से पिंकी के गर्भास्थ की मौत हो गई थी। इसी वर्ष दो अपैल को हुई इस घटना की शिकायत बीकेटी थाने पर हुई थी जिसकी जांच एसपी रूरल और सीएमओ के बीच फंसी है। प्रसूता के पति रविन्द्र कुमार ने इस मामले में करवाई शुरू की तो हास्पिटल संचालिका ने प्रसूता को अंजाम भुगतने की धमकी दे डाली।
600 पेज कराई फोटोकापी
अधूरे दस्तावेज मिलने पर टीम ने मशीन सील कर दी। साथ ही करीब 600 पेज के दस्तावेज को कब्जे में ले ली। हॉस्पिटल संचालक ने दस्तावेजों की फोटोकापी मांगी तो टीम के अफसरों ने फोटोकापी करा दी।

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