महायज्ञ में शामिल श्रद्धालु
बिहारशरीफ। हरनौत के डाक बंगला मे चल रहे चार दिवसीय 51 कुण्डीय श्रद्धा संबंर्धन गायत्री महायज्ञ के तीसरे दिन लगभग 8 से 10 हजार गायत्री परिजनों ने आहुतियां डाली। इस दौरान कई संस्कार निशुल्क कराये गये जिसमे 10 पुंसवन संस्कार, 6 नामाकरण संस्कार, 17 मुण्डन संस्कार, 106 विद्यारम्भ संस्कार के साथ यज्ञोपवित एवं दीक्षा के साथ एक आदर्श विवाह संस्कार भी किया गया। यज्ञीय वातावरण शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे प्रतिनिधि विनय केसरी ने बताया कि आज मनुष्यता खतरे मे है इस संकट से उबरने के लिए हमे यज्ञ एवं संस्कार के माध्यम से जीवन को उंचा उठाना है। उन्होने कहा कि व्यक्ति निर्माण, समाज निर्माण, परिवार निर्माण एवं राष्ट्र निर्माण का यज्ञ ही विधा है। परम पूज्य गुरूदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य एवं वंदनिया माताजी वर्षो तक तप, साधना के द्वारा अखिल विश्व गायत्री परिवार का निर्माण किया जो धरती पर स्वर्ग का वातावरण बनाने को प्रतिबद्ध है। इसके लिए हर मनुष्य मे देवत्व का अवतरण किया जाना संस्कारों के द्वारा संभव। गुरूदेव की भविष्यवाणी युग परिवर्तन एक सुनिश्चित संभावना नामक पुस्तक की भविष्यवाणी आज सही साबित हो रही है। संध्याकालीन सत्र मे सहस्र कुण्डीय दीप महायज्ञ का आयोजन किया गया जिसमे नशा, व्यसन एवं कुरीती छोड़ने का सामुहिक संकल्प दिलाया गया।