अजय कुमार
गया।बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अजय कुमार से अपने गोदावरी स्थित आवास पर बातचीत करते हुए सोशल मीडिया पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंन कहा कि मेरे नाम से फेक आईडी बना कर मुझे बदनाम करने की कोशिश ट्यूटर के माध्यम से की गई। इस तरह का मामला को पत्रकार बन्धु द्वारा जहानाबाद एवं नालन्दा मे प्रकाश मे लाया गया। जब हमने ट्यूटर एकाउन्ट चेक कराया तो वह मेरे नाम से फेक आईडी पाया गया।जिस पर कुछ गन्दी बातो का इस्तेमाल किया गया है। हमने जानकारी मिलने पर इस मामले को साईबर अपराध के अर्थिक शाखा के आई जी को दिया गया। इस मामले पर आई जी ने कहा है कि हम इस तरह की अपराध करने वाले को जल्द से जल्द गिरफ्तार करेगे और जो कोई भी इस तरह से लोगो को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। वही मांझी ने कहा कि सोशल मीडिया लोगो को जोड़ने और सही जानकारी सांझा करने के लिए बना है इसका सही इस्तेमाल होना चाहिए।नही तो इससे अपराध और बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि मिडिया को भी इस तरह की बातो का सामने लाना चाहिए। आज हर के हाथ मे मोबाईल है गलत जानकारी देने से लोग भटक सकते है। वही मांझी ने अपने कार्यकाल के दौर की चर्चा की है और खुलकर बताया है कि कैसे अधिकारी उनकी बातों को अनसुना कर देते थे।मांझी ने एनडीए में अपनी अनदेखी के साथ नीतीश कुमार को लेकर भी कई बातें कही हैं।मांझी ने सीएम रहते हुए अपने कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि 2014 लोकसभा चुनावों के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बना तो दिया गया, लेकिन उनकी कुछ चलती नहीं थी।उन्होंने बिना लाग लपेट के कहा कि नीतीश कुमार के नौकरशाहों के सामने उनकी एक नहीं चलती थी।मांझी ने बातचीत में कहा कि सीएम रहते 4 महीने कोई काम अपनी मर्जी से नहीं कर सके और उनके ही अधिकारी उनकी कोई बात नहीं सुनते थे।पूर्व सीएम ने यह भी कहा कि वे अपने फैसले सरकार में लागू नहीं कर सके।उन्होंने कहा कि उनकी लगातार उपेक्षा हो रही थी और उनके सीएम रहते उनके ही अधिकारी दूसरों के निर्देशों पर चल रहे थे, तो मजबूरन चार महीने बाद उन्होंने चुप्पी तोड़नी शुरू की।उन्होंने कहा कि उन्होंने जानबूझकर कोई विवादित बयान नहीं दिया था और उन्हें जो सही लगा वही किया।मांझी ने कहा कि जब नीतीश कुमार उनको हटाना चाहते थे, तो उनको खुलकर बोलना चाहिए था।मांझी ने कहा कि यदि नीतीश सीधे कहते तो वे सीएम की कुर्सी छोड़ देते।बकौल मांझी उन्हें इस बात का दुख है कि उन्होंने दूसरे माध्यम से बात कहलवाई।इस दौरान मांझी शरद पर भी जमकर बरसे और कहा कि शरद यादव के कारण ही पार्टी टूटी थी और शरद यादव ने अलग से बैठक बुलाकर विवाद बढ़ाया था।मांझी ने कहा था कि वे तो अच्छे माहौल में 7 सर्कुलर आवास की बैठक में गए थे लेकिन आगे हालत बिगड़ गये।उन्होंने कहा कि बीजेपी ने उनका साथ नहीं दिया। मांझी ने कहा कि यदि भाजपा पूरा साथ देती तो वे जरूर सरकार बचा लेते।मांझी ने कहा कि बीजेपी की धोखेबाजी का अंदाजा उन्हें पहले ही लग गया था और मुश्किल घड़ी में साथ देने वाले अपने समर्थक विधायकों को वे परेशानी में नहीं डालना
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