चकरनगर (इटावा) :- डॉ.एस.बी.एस.चौहान
यह कोई अजूबा नहीं है यह तो बारह सिंगा का ही बच्चा है कितना बड़ा भी अपराध हो जब वरिष्ठ अधिकारियों का वरदहस्त हो तो सब कुछ साधारण हो जाता है। जंगल में प्रतिबंधित मोर मारी जाए, बारहसिंघा मारा जाए या जंगल में प्रतिबंधित लकड़ी शीशम, या नींम काटा जाए कार्यवाही केवल उसी पर जो गरीब है, और जिसका कहीं कोई सहारा नहीं है उसी पर होती है बाकी खादर में घोड़ा कौन दौड़ाऐ? प्रतिबंधित सेंचुरी क्षेत्र लखना यहां पर और यहां के नाम पर दर्जनों अधिकारी और कर्मचारी अपना वेतन सीधा कर अपने बच्चों की देखरेख करते हैं और कानून से कोई लेना देना नहीं है। अब हम चर्चा करते हैं कस्बा लखना रेंज क्षेत्र की मुख्य सड़क के किनारे मृत अवस्था में पड़ा बारहसिंघा (हिरण) का बच्चा ठीक गेट के सामने होने के बावजूद भी किसी ने शव को उठाकर उसकी विधिक कार्यवाही करने/दफनाने की जहमत नहीं जुटाई। मृत पडा बारहसिंघा के शव को देखकर पत्रकार
टीम ने कार्यालय में अंदर पहुंचकर देखा तो वन्यकर्मी कार्यालय के पीछे आलू भून कर सेल्फ़ी लेते नजर आये| यदि यही बारहसिंघा का बच्चा जो किसी गरीब किसान के द्वारा हताहत कर दिया जाता तो इसकी खबर आगरा डीएफओ तक होती और उसके खिलाफ कार्यवाही जरुर की जाती हां यदि वह अपना राजनीतिक दबाव बनाकर या पैसे के बलबूते पर भले ही बच जाता, कुछ भी कर सकता था पर आज इस बारहसिंघा के बच्चा कि कोई देख-रेख और खेरो ख्वाहिश विभाग की तरफ से नहीं है जबकि यह मेन सड़क के किनारे पड़ा हुआ है
धन्य है विभाग जो कुछ भी कर पाने में सक्षम प्रतीत नहीं होता है गांधारी पट्टी बांधे बैठे वरिष्ठ अधिकारी चाहे समाचार पत्र में प्रकाशन हो, चाहे खबर सोशल मीडिया पर हो सिर्फ यह कह कर टाल दिया जाता है कि यह खबर नितांत झूंठी है यह हाल है कर्मचारियों और अधिकारियों का। कानून को ताक में रखकर अपने मन की करने में महारत हासिल किए हुए हैं । वहीं दूसरी तरफ बन रेंज क्षेत्र के अंतर्गत थाना लवेदी के गांव चिन्डौली के पीछे बन विभाग के संरक्षित बन में मुरैथा के थान के समीप स्थानीय लकड़ी माफिया अपने साथ दो दर्जन मजदूरों को लेकर एक पखवाड़े से बन उजाड़ने में लगे हुए है। उक्त अवैध बन कटान लखना रेंज के बनकर्मियो को भी दिखाई नहीं दे रहा है।