इमरजेंसी के दौरान मरीजों को देखना जरूरी नही समझ रहे डाक्टर
लखनऊ।माल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इमरजेंसी के दौरान डॉक्टर द्वारा मरीजों को देखने की जरूरत नहीं समझते हैं और फार्मासिस्ट से दवा लेने की बात कह कर आराम से बैठे रहते हैं फार्मासिस्ट का इंतजार करते कई लोग दवा वितरण कच्छ के सामने बैठे देखे गए। और फार्मासिस्ट अस्पताल के सामने बैठे देखे गए। वहीं दो बजे के बाद स्वास्थ्य केंद्र पर ओपीडी कच्छ में किसी भी डॉक्टर को नहीं देखा जा सकता है। यह सब खेल स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के जानकारी में होने के बावजूद भी अंजान बने रहते हैं। माल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इमरजेंसी ड्यूटी कर रहे डॉक्टर विनय जो दवा वितरण कक्ष में आराम से कुर्सी पर बैठे रहेऔर जब मरीजों ने डॉक्टर से अपनी मर्ज बता कर दवा लिखने की बात कही तो डॉक्टर ने कहा कि यह सब फार्मासिस्ट करते हैं।जब यह पूछा गया कि आपकी तो इमरजेंसी ड्यूटीकर रहे है फिर आप क्यों दवा नहीं लिखेंगे तो डॉक्टर ने कहा कि आप अपना पर्चा बनवा लाइए फिर हम दवा लिख देंगे। बाकी हम किस पर दवा लिखें। जब अस्पताल के अंदर कोई पर्चा बनाने वाला बैठा ही नहीं है तो फिर मरीज कहां से पर्चा बनवा कर लाएंगे।सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस स्वास्थ्य केंद्र पर 3 बजे के बाद किसी भी कमरे में कोई डॉक्टर को ओपीडी करते नहीं देखा जा सकता है। और मरीज 4बजे तक अस्पताल खुलने की जानकारी होने पर आते रहते हैं और डॉक्टर साहब को जानकारी होने के बाद भी ड्यूटी निभाने की जरूरत नहीं समझते हैं। फिर मरीजों को लौटकर उन्हीं झोलाछाप डॉक्टरों की शरण में जाकर दवाई लेने को मजबूर रहते हैं और वहां पर मनचाहे तरीके से सुविधा शुल्क वसूला जाता है यह सब जानकारी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की जानकारी में होने के बाद भी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं। सूत्रों की मानें तो कुछ डॉक्टर तो अपने रसूख के चलते समय से अपनी ड्यूटी निभाने की जरूरत ही नहीं समझते क्योंकि उन्हें किसी प्रकार का डर नहीं है। जिसके चलते अपने मन माने ढंग से कार्य किया जाता है। इस संबंध में जब माल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक से फोन से संपर्क किया गया तो संपर्क नहीं हो सका।