डेस्क : बिहार में कई दिनों से हो रही जबरदस्त बारिश व नेपाल द्वारा पानी छोड़ने के बाद अचानक आयी बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है. कुछ जगहों पर तटबंध टूट जाने से कई गांव जलमग्न हैं. आपदा प्रबंधन विभाग ने 90 लोगों की मौत की पुष्टि की है. बाढ़ में मरने वालों में अररिया में 20, किशनगंज में 5, पूर्वी चंपारण में 3, पश्चिमी चंपारण में 3, दरभंगा में 3, सीतामढ़ी में 6 और मधुबनी में एक की जान गई है.
राज्य के विभिन्न जिलों के 40 प्रखंडों की लगभग 35 लाख आबादी बाढ़ की चपेट में है. बागमती नदी डूबाधार, सोनाखान और बेनीबाद में जबकि कमला बलान नदी झंझारपुर और जानकीबियर क्षेत्र में खतरे के निशान को पार कर गई है. अधवारा समूह की नदियां भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
अचानक आई बाढ़ से गांव के लोगों में दहशत
दरभंगा : घनश्यामपुर/बिरौल : कमला-बलान के पश्चिमी तटबंध के दो जगहों पर हुई टूट से अफरा-तफरी मच गई. अचानक आई बाढ़ से गांव के लोगों में दहशत हो गया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार रात के लगभग 1 बजकर 30 मिनट पर रसियारी चौक के निकट 74.6 प्वाइंट पर तटबंध टूटा. टूटते ही दरार तीस मीटर पहुंच गई. आधे घंटे के अंतराल पर बौर गांव के निकट 35 मीटर की दूरी में तटबंध टूट गया. तटबंध मरम्मत कार्य में लगे मजदूर व अधिकारी वहां से भाग खड़े हुए. पानी के तेज बहाव को देखते हुए लोग ऊंचे स्थानों पर भागने लगे. पानी के कारण लोगों के घरों में रखा सामान घर में ही रह गया. तटबंध टूटने का असर घनश्यामपुर, किरतपुर और गौराबौराम प्रखंड के गांवों पर पड़ा है. घनश्यामपुर प्रखंड के महथवार, लगमा, पाली, गनौन, बसौल, डेथुआ, कुमरौल, गोदैल, धरावल, तुमौल, मुसवासी सहित कई गांव शामिल है. बाढ़ के कारण सड़क सम्पर्क भी प्रभावित हुआ है. घनश्यामपुर शिवनगर सड़क में पाली-पुनहद के बीच और घनश्यामपुर-रसियारी के बीच भी पानी सड़क को पार कर गया है. वहीं गांव में दो से लेकर पांच फीट तक पानी फैल गया है. दो जगह पर तटबंध टूटने के बावजूद नदी के जलस्तर में कमी नहीं आयी है. बल्कि जलस्तर में वृद्धि ही हो रही है. जिससे बाढ़ की विभिषिका बढ़ने की संभावना है.
दरभंगा डीएम ने किया आपात बैठक
इसी बीच सोमवार सुबह जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह, एसएसपी सत्यवीर सिंह, उपविकास आयुक्त विवेकानंद झा घनश्यामपुर पहुंच कर अधिकारियों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की. जिलाधिकारी ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता बाढ़ से फंसे हुए लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर ले जाना है और विस्थापितों के बीच राहत पहुंचाना है. इसी बीच एनडीआरएफ की टीम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्य में जुट गई है. समाचार लिखे जाने तक फूस और कच्चे घरों का गिरने की खबर प्राप्त होने लगी है. जानकार लोगों का कहना है कि पानी का असर कुशेश्वरस्थान के दोनों प्रखंडों पर भी पड़ेगा. इससे इनकार नहीं किया जा सकता.