जालंधर (आकाश पासी/राजीव धम्मि ) :- जालंधर की ट्रैफिक पुलिस द्वारा बुधवार से टो-वे सिस्टम को लागू किया गया । इस अभियान की शुरुआत माडल टाउन व साथ लगते एरिया से की गई। पुलिस कमिश्नर अरपित शुकला के दिशा निर्देशों के अनुसार एडीसीपी टै्फिक सुडरविज़ी की अगुवाई में गलत ढंग से खड़ी गाड़ियों को टो करके चालान काटे गये। इस दैारान पुलिस ने अंडर-एज़ वाहनों के चालान भी किये व कागजात पूरे न होने पर गाड़ियों को बांड करके चालान काटकर थाने भेजा गया।जहाँ एक और ट्रैफीक पुलिस ने ये करवाही की वही दूसरी और मॉडल टाउन मार्किट में कड़ी कुछ नीली बत्ती वाली गाड़ियो जो की येलो लाइन के बहार गलत ढंग से खड़ी थी परन्तु न तो इन गाड़ियो का चालान किया गया न ही और नहीं कोई कार्यवाही की गई ।
ट्रैफिक पुलिस की इस करवाही में एक बात धेयान देने योग रही की ए.सी.पी. मॉडल टाउन गुरशरण सिंह संधू एव ए.सी.पी ट्रैफिक मंजीत कौर ने मार्किट के दुकानदारों से अपील की अगर कोई व्येक्ति अपनी गाड़ी उनकी दुकान के बहार नो पार्किंग में या गलत ढंग से पार्क करता है तो वह खुद उस व्यक्ति को गाड़ी सही ढंग से लगाने को कहे ता की दूकानदार ट्रैफिक पुलिस का सहयोग करे और उनकी इस प्रकार जारूक करने से एक तो लोग जागरूक होंगे दूसरा लोग अगर सही ढंग से कार एव टू व्हीलर पार्क करेंगे तो उनके चालान भी ट्रैफिक पुलिस को काटने की जरूरत नहीं होगी।
आज ट्रैफिक पुलिस की कार्यवाही को देखते हुए हमारे कुछ सवाल ट्रैफिक के आला अधिकारियो से:-
क्या आज की की गई करवाही सही थी?
क्या हमेशा ट्रैफिक पुलिस आम लोगो के ही चालान काटेगी?
क्या नीली बत्ती वालो के लिए कोई चालान नहीं बना ?
क्या नीली बत्ती वालो को अधिकार है, है कि वह ट्रैफिक रूल्स अपनी मर्ज़ी से धचिया उड़ाये?
क्या ट्रैफिक रूल्स हमेशा आम लोगो के लिए ही होते है , न की नीली बत्ती वालो के लिए?