लखनऊ राज प्रताप सिंह (उ०प्र०) – उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सभी बिधानसभा क्षेत्र में तमाम ऐसे विद्यालय हैं जहाँ सालों से पेयजल की किल्लत है। वजह है स्कूलों के खराब हैण्डपम्प दुरुस्त नहीं कराये गये। चुनाव नजदीक आया तो उन शिक्षकों की भी उम्मीद बढ़ गयी कि पोलिंग बूथ की वजह से अब शायद स्कूल के हैण्डपम्प की मरम्मत हो जायेगी। पर ऐसा नहीं हुआ। प्रशासन की शिथिलता ने चुनाव आयोग के मानकों को दरकिनार करने में कोई कमी नहीं छोड़ी।जबकि 70 फीसदी बूथ शौचालय विहीन व अँधेरे में हैं। चुनाव को अगर अलग रख कर देखें तो प्रशासन की हकीकत और बेपर्दा हो जायेगी। ये वो स्कूल हैं जहाँ पर कई सालों से पेयजल की किल्लत है, और पानी के लिए स्कूली बच्चे व अध्यापक जलालत झेल रहे हैं। किंतु अधिकारियों ने इस समस्या को अनदेखा किया।
तमाम स्कूलों की जिनकी शिकायतें सालों से पेंडिंग में हैं जहाँ हैण्डपम्प पानी नहीं दे रहे।
इनमे से तमाम विद्यालय पोलिंग बूथ की भूमिका में है पर दुर्भाग्य है कि बूथ पर पानी तक की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में चुनाव कर्मचारियों को पानी के लिए ग्रामीणों का मुह ताकना पड़ेगा।