चकरनगर(इटावा)रिपोर्टर डॉ0 एस.बी. एस. चौहान
विकासखंड के अंतर्गत चल रही प्राइवेट संस्थाएं जहां पर छोटे-छोटे बच्चे अध्ययन हेतु जाते हैं चलते शीत लहर के शिक्षा विभाग ने समय का परिवर्तन किया है लेकिन यहां पर यह आदेश वेअसर दिखाई दे रहा है। बच्चे अलख सुबह ठिठुरते हुए स्कूली गाड़ी के इंतजार में खड़े हो जाते हैं। जिससे कुछ बच्चे बीमार भी पड़ सकते हैं लेकिन इन शिक्षण संस्थानों के मालिक इस तरफ कोई भी ध्यान नहीं देना चाहते। विकासखंड चकरनगर के अंतर्गत जगह जगह पर तमाम शिक्षण संस्थाएं खुली हुई है इनके व्यवसायिक परिचालन में बच्चों को गांव-गांव से उठाने के लिए विद्यालयों की तरफ से गाड़ियां लगाई गईं हैं। जिनमें तरह-तरह की गाड़ियां सम्मिलित हैं जो बच्चों को उनके गांव से लेने के लिए किन्ही निर्धारित प्वाइंटों पर जाकर खड़ी हो जाती है और बच्चों को लेकर जो जिस संस्था की है उस संस्था में ले जाकर दाखिल कर देती हैं। आज का दृश्य कुछ देखते ही बना कि जिस वक्त एक विद्यालय की संस्था से जुड़े मासूम बच्चे जो विद्याध्ययन के लिए अपना बस्ता साथ में लिए और पूर्व सरपंच अरुण सिंह चौहान निवासी गौहानी की कोठी के सामने सिकुड़ते ठिठुरते देखा गया जिनमें से एक बच्चे से पूछा गया कि ठिठुर रहे हो और टोपा भी कान पर नहीं लगाया इसकी क्या वजह है छात्र ने बताया कि टोपा भी भींगा होने की वजह से नहीं लगाया है। जब यह पूंछा कि इस पॉइंट पर कब से खड़े हो? तो उस बच्चे ने बताया कि मैं सुबह 7:00 बजे से खड़ा हूं स्वता अंदाज लगाया जा सकता है कि घर छोड़ कर जो बच्चा 500 मीटर की दूरी तय करके पॉइंट पर पहुंचता है वह शायद है कि 6:30 बजे के लगभग घर से निकला होगा या जो भी टाइम रहा हो। हमारे जिलाधिकारी इटावा और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बच्चों के स्वास्थ्य को मद्देनजर विद्यालयों का समय 10:00 बजे से प्रारंभ किया है लेकिन आदेश को नहीं मानते हैं यह प्राइवेट शिक्षण संस्थाओं के मालिक। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि प्रदेश में चल रही शीत लहर एवं अत्याधिक ठंड के कारण विद्यालयों में कक्षा 01 से 08 तक के बच्चों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। अत्याधिक सर्दी के दृष्टिगत जिलाधिकारी के आदेशानुसार ठण्ड को देखते हुए कक्षा 01 से 08 तक के जनपद के समस्त परिषदीय/मान्यता प्राप्त/सहायता प्राप्त/सीबीएसई/अल्पसंख्यक संस्थाओं के विद्यालयों का समय 10 बजे से 3 बजे तक किया गया है।
ठंडक बढ़ जाने के कारण बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करें। यदि कोई विद्यालय 10 बजे से पूर्व खोला जाता है और यदि किसी बच्चे को कोई परेशानी होती है तो उसके लिए सम्बंधित संस्था/प्रबंधक/प्रधानाचार्य जिम्मेदार होगा। इसलिये निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जायेगा। आदेश के अनुपालन में किसी भी प्रकार की शिथिलता पाये जाने पर सम्बंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं प्रबंधक उत्तरदायी होंगे एवं उनकी जिम्मेदारी निर्धारित कर दी जायेगी।
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