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प्रथम जल-जीवन-हरियाली दिवस पर भव्य कार्यक्रम, समाहरणालय में ‘सौर ऊर्जा का महत्व व बचत’ विषय पर हुई चर्चा

दरभंगा : डीएम डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने कहा कि पर्यावरण में असंतुलन एवं जलवायु परिवर्तन के चलते आज पूरे विश्व में गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है।

कभी अतिवृष्टि के चलते एक बड़ी आबादी को बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ती है तो कभी सूखे का दंश एवं जल-संकट की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है। ये सभी स्थितियाँ जलवायु में तेजी से हो रहे परिवर्त्तन के कारण हो रही है। जलवायु परिवर्त्तन के चलते पर्यावरण में असंतुलन हो गया है। इसका बुरा प्रभाव आबादी पर पड़ रही है। अगर अभी पर्यावरण संरक्षण के प्रति हम जागरूक नहीं हुए तो भविष्य में स्थितियाँ और विकट हो जायेगी।

कहा कि वर्त्तमान परिस्थिति एवं भविष्य में आने वाले संकट को दृष्टिगत रखते हुए ही राज्य सरकार द्वारा पूरे बिहार में जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाया गया है। इस अभियान से सभी लोगों को जोड़ना है। सभी लोगों को जागरूक करनी है। पर्यावरण संरक्षण के प्रति व्यापक जन-जागरूकता फैलाने के उद्येश्य से ही राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक माह के पहले मंगलवार को जल-जीवन-हरियाली दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है।

कहा कि सरकार के उक्त निदेश के आलोक में आज जिला के सभी कार्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों में जल-जीवन-हरियाली दिवस मनाया गया। इस एक घंटे के कार्यक्रम में आज सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहन एवं ऊर्जा की बचत विषय पर चर्चा-परिचर्चा किया गया। उन्होंने कहा कि आगे भी प्रत्येक माह के पहले मंगलवार को जल-जीवन-हरियाली दिवस मनाया जायेगा एवं इसके महत्व पर परिचर्चा की जायेगी। ऐसे कार्यक्रम लगातार आयोजित किये जाने पर आम लोगों में प्रकृति के प्रति प्रेम पनपेगा और अधिक से अधिक लोग इस अभियान से जुड़ेगे।

आज प्रथम जल-जीवन-हरियाली दिवस के अवसर पर समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला का जिलाधिकारी, उप विकास आयुक्त, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी आदि द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त डॉ. कारी प्रसाद महतो द्वारा जल-जीवन-हरियाली अभियान के सभी 11 अवयवों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया एवं इस दिशा में दरभंगा जिला में क्रियान्वित किये गये कार्यों के बारे में भी संक्षिप्त वर्णन प्रस्तुत किया गया। बताया कि प्राकृतिक जल श्रोतों के जीर्णोद्धार, नये जल श्रोतों का सृजन, सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार, छत वर्षा जल संचयन, ग्राउंड वाटर रिजार्जिग, सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के साथ-साथ ऊर्जा की खपत कम करने की दिशा में जिला में उल्लेखनीय कार्य किये जा रहे हैं। कहा कि आगामी 09 अगस्त 2020 को पृथ्वी दिवस के अवसर पर जिला में 10.50 लाख पौधारोपण किया जायेगा। इस योजना पर तेजी से कार्य हो रहा है।

उप विकास आयुक्त द्वारा इस कार्यशाला में सौर ऊर्जा के उपयोग के फायदे एवं उर्जा की बचत पर विस्तार से चर्चा किया गया। कहा कि सौर ऊर्जा से कोई प्रदूषण नहीं फैलता है। इसके उपयोग से प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा होती है एवं पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार होता है। पर्यावरण के शुद्ध रहने के चलते गंभीर बीमारियों से बचाव होता है। साथ ही इसका रख-रखाव आसान है एवं लागत कम पड़ती है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा संयत्र संस्थापित करने हेतु सरकार द्वारा अनुदान भी प्रदान किया जाता है। उन्होंने सरकारी दफ्तरों सहित अपने-अपने घरों में ऊर्जा की बचत करने के बारे में विभिन्न उपायों पर भी विस्तार से चर्चा किया।
इस कार्यशाला में जिलाधिकारी, दरभंगा डॉ. त्यागराजन एस.एम., उप विकास आयुक्त डॉ. कारी प्रसाद महतो, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, आर.आर. प्रभाकर, जिला आपूर्ति पदाधिकारी अजय गुप्ता, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी सुशील कुमार शर्मा, अनुमण्डल पदाधिकारी सदर राकेश गुप्ता, विशेष कार्य पदाधिकारी पुष्पेश कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी रवि कुमार, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अजय कुमार, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी शंभु यादव, जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी राजीव झा, सहायक योजना पदाधिकारी सुजाता कुमारी एवं समाहरणालय के सभी कर्मी सम्मिलत हुए।

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